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Sunday, December 22, 2024

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि रेड अलर्ट जारी

  • बर्ड फ्लू की बीमारी की वजह एविओन इन्फ्लुएंजा वायरस H5N1 है
  • डब्लूएचओ के अनुसार बर्ड फ्लू का इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना मुश्किल, लेकिन ये वायरस जानलेवा है मृत्यु दर 60 प्रतिशत
  • फिलहाल भारत से बर्ड फ्लू से इंसानों में संक्रमण की कोई खबर नहीं

देहरादून, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू की आशंका से लोगों के बीच चिंता बढ़ गई थी। अब चिंता के पीछे वजह ये है कि राजधानी देहरादून समेत पुरे उत्तराखंड में अभी तक लगभग 700 पक्षियों की मौत हो चुकी है, मरने वाले पक्षियों में कौए, बाज और कबूतर शामिल हैं. मृत पक्षियों के सैंपल बर्ड फ्लू की जांच के लिए भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (बरेली) भेज दिया गया था। देहरादून और कोटद्वार में मृत पक्षियों के सैंपल की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इस खुलासे के बाद वन विभाग ने पूरे प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर दिया है और पोल्ट्री फॉर्म में भी बाहरी लोगों के आने जाने पर रोक के साथ ही लोगों से अपील की गई है कोई भी मृत पक्षी मिलने पर तो उसे ना छुए और ना ही उसे जलाने की कोशिश करें बल्कि बिना जोखिम लिए वन विभाग को इसकी जानकारी दे दें, वन विभाग ही अपने स्तर से सैंपल लेकर उसे हटाएगा।

बर्ड फ्लू के मामले को लेकर प्रदेश के वन मंत्री डॉ हरक सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और शाम तक पूरे प्रदेश के सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी करने को कहा है प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन ने भी प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले मिलने की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग इसे लेकर दिशा निर्देश जारी करेगा प्रमुख वन संरक्षक की ओर से देर शाम तक आदेश जारी कर दिए गए थे।

उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ही बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। कानपुर के चिड़ियाघर में जंगली मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. गौरतलब है, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। बचाव के लिए केंद्र सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है. साथ में निगरानी के लिए सेंटर भी बना दिये गए है।

बर्ड फ्लू की बीमारी एविओन इन्फ्लुएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है। ये वायरस पक्षियों से मनुष्यों तक पहुंचता है। डब्लूएचओ के अनुसार बर्ड फ्लू का इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन ये वायरस जानलेवा है. इस वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 60 प्रतिशत है।राहत की बात ये है कि फिलहाल भारत से बर्ड फ्लू से इंसानों में संक्रमण की कोई खबर नहीं आई है, ये आमतौर पर एक पक्षी से दूसरे में तेज़ी से फैलता है।

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