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Wednesday, September 10, 2025
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कलिका माता मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में व्यास देवेंद्र उपाध्याय जी ने किया रासलीला का वर्णन

देहरादून, 28 नवम्बर भवन कलिका माता मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन करते हुए व्यास देवेंद्र उपाध्याय जी ने बताया महारास के माध्यम से रासलीला की कथा का वर्णन की है गोपियों की परीक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपने मुख से संसार के लोगों की प्रशंसा की लेकिन वो किसी की बात में ना सुनकर तेरा भगवान की ओर देखती रही और भगवान मंदिर मन मुस्कुराते रहे भूतिया भगवान की परीक्षा में पूर्ण रूप से पास हो गई सब भगवान ने महारास अनेक गोपियां थी उतने ही रूप में भगवान श्री कृष्ण उनके साथ रास करने लगे भगवान शंकर से रहा नहीं गया और वह कैलाश पर्वत छोड़कर महाराष्ट्र में जाने की जिद करने लगे माता पार्वती ने बहुत समझाया परंतु भगवान शंकर नहीं माने माता पार्वती ने भगवान शंकर को गोपी का रूप धारण कराया. गोपी रूप धारण करके महारास में आ गए परंतु भगवान श्रीकृष्ण ने उनको पहचान लिया और उनका घूंघट उठा दिया भगवान श्रीकृष्ण ने उनको वहीं पर स्थापित कर दिया जो कि आज गोपेश्वर के नाम से एक प्रसिद्ध मंदिर है जहां प्रातः काल में अपार भक्त समाज दुवारा जल चढ़ाया जाता है तथा साये काल शिवलिंग को गोपी का रूप देकर सजाया जाता है. और कंस ने श्री कृष्ण बलराम दोनों को अक्रूर जी द्वारा मथुरा बुलाया भगवान श्री कृष्ण ने आते ही धोबी को मारा धनुष तोड़ा तथा कंस का वध किया तथा मथुरा के सिंहासन पर अपने नाना उग्रसेन जी को बिठाया तत्पश्चात नंदबाबा व सभी ग्वाल बाल को वृन्दावन भेजा भगवान श्री कृष्ण और बलराम दोनों शिक्षा के लिए शांति बनी जी महाराज के यहां उज्जैन पधारे और समस्त विद्याओं को ग्रहण किया तथा भगवान श्री कृष्ण ने गुरु दक्षिणा में गुरु जी को उनका मरा हुआ बेटा जीवित करके दिया उधर जरासंघ ने मथुरा पर आक्रमण किया तथा भगवान ने उनको 17 बार युद्ध में हराया 18 वी बार स्वयं रण को छोड़कर भागे तब रणछोड़ नाम पाया तथा द्वारकापुरी बसाई समुद्र के बीचो-बीच द्वारकाधीश कहलाए रुक्मणी जी के साथ भगवान श्री कृष्ण का प्रथम विवाह हुआ.
भजन – सबसे ऊंची प्रेम सगाई
2- तेरी बंसी पे बलिहार रसिया मैं तो नाचूंगी तेरे दरबार रसिया
3= आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगा दो मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो
4= मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का दो नैना सरकार के कटरी है कटार के.
इस अवसर पर ट्रस्टी दयाल धवन, रमेश साहनी, गगन सेठी , जय किशन कक्कर, नरेश मैनी, अशोक लांभा, उमेश मिनोचा, संजय चांदना , महेश ग्रोवर , मुरली, विजय अरोरा, शैंकी डोरा, प्रेम आनंद, सुरेंद्र बजाज, शशि तलवार, जितेंदर अरोरा, चन्दर प्रकाश ममगई, अनिरुद्ध गुप्ता, राम सवरूप भाटिया, कमल गुलाटी, प्रचार मंत्री संजय आनंद आदि मौजूद रहे

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