- श्री गुरु सिंह सभा और गुरुद्वारा रेसकोर्स में हुआ बड़ा आयोजन, शबद कीर्तन से संगतों को किया निहाल
- कोविड 19 के कारण भीड़ वाले आयोजन से रखा गया परहेज
देहरादून,30 नवम्बर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा और गुरुद्वारा रेसकोर्स में श्री गुरु नानक देव का 551 वां पावन प्रकाश पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। बेहद सादगी से कथा कीर्तन का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक निवास पर आयोजित कार्यक्रम में नितनेम के पश्चात भाई गुरदयाल सिंह ने आसा दी वार का शब्द गायन किया। भाई सतवंत सिंह एवं भाई चरणजीत सिंह ने शबद गायन किया। हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने श्री गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु नानक देव का प्रकाश अप्रैल 1469 ईसवी में हुआ था। उन्होंने हर प्रकार की ऊंचनीच, छूआछूत, असमानता के खिलाफ आवाज़ उठाई। सभी लोगों व समुदायों में मैत्री स्थापित करने की कोशिश की। भाई कुलवंत सिंह तारा और श्री दरबार साहब अमृतसर से आए भाई कारज सिंह ने मधुर वाणी में शबद गायन किया। भाई हरजिंदर सिंह ने गायन कर संगतों को निहाल कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में मास्क बांटे गए। मानकों का उल्लंघन नहीं किया गया। गाईडलाइन का पूरा अनुपालन किया गया। मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया। समारोह में गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष राजिंदर सिंह राजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, सुरजीत सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी, मनजीत सिंह, गुरबख्श सिंह राजन,कर्नल कुलवंत सिंह, रजिंद्र सिंह राजा आदि उपस्थित थे। राजधानी के सभी गुरुद्वारा साहिब में शबद कीर्तन किया गया। श्री गुरु नानक देव के जीवन और उनकी सीख के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शबद कीर्तन से संगतों को निहाल किया गया। इस पावन अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। श्री गुरु नानक देव के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।