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Tuesday, September 9, 2025
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रोजगार फार्मासिस्टों का सब्र टूटा, नियुक्ति की मांग को लेकर अब सड़कों पर उतरेंगे

  • महासंघ को मिला मानवधिकार सामाजिक न्याय संगठन का साथ 
  • कोरोना काल मे उत्कृष्ट जनसेवा के लिए बेरोजगार फार्मासिस्ट सम्मानित 

देहरादून। नियुक्ति की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलित प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक महासंघ को मानवधिकार सामाजिक न्याय संगठन ने अपना समर्थन दिया है। संगठन ने कोरोना काल मे उत्कृष्ट जनसेवा के लिए बेरोजगार फार्मासिस्टों को सम्मानित किया।
जैन धर्मशाला में आयोजित बैठक में बेरोजगार फार्मासिस्टों ने मानवधिकार संगठन को बताया कि वह लंबे समय से प्रदेश में फार्मासिस्टों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि बेरोजगार फार्मासिस्टों का सब्र अब जवाब देने लगा है। सरकार ने उपकेंद्रों में पद सृजित कर नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन तक इस पर अमल नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि अब बेरोजगार फार्मासिस्ट चुप नहीं बैठेंगे। सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
बैठक में प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक महासंघ के पदाधिकारी सुधीर रावत, कुलवेंद्र मटूड़ा, रवींद्र कंडारी, मनोज रावत, मनोज चैहान, कुलदीप शर्मा, अनिल सोनियाल, सौरभ डबराल, सुमन बहुगुणा, प्रवीण रावत और संदीप सिंह आदि उपस्थित थे।

प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक महासंघ की मांगें

ड्रग कास्मेटिक एक्ट 2015 और फार्मेसी एक्ट 1948 का प्रदेश में कड़ाई से पालन हो।
थोक व फुटकर दवा दुकानों के लिए फार्मासिस्ट को लाइसेंस मुक्त दिया जाए।
वर्ष 2016 में 600 संविदा फार्मासिस्टों की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने विज्ञप्ति को निरस्त कर दिया। विज्ञप्ति को पुनर्जीवित कर स्थाई नियुक्ति दी जाए।
जहां दवा, वहां फार्मासिस्ट को अनिवार्य किया जाए।
उप स्वास्थ्य केंद्रों पर 2021 तक फार्मासिस्ट की नियुक्ति कराई जाए।

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