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Friday, October 18, 2024

कामयाबी: दून में ज्वेलरी शोरूम में 9 नवंबर को लूटषड्यंत्र में शामिल दो आरोपी दबोचे

  • रिलायंस ज्वेलरी घटना से संबंधित गैंग के बिहार स्थित (hideout कंट्रोल हाउस) पर दून पुलिस की रेड, मिले घटना मे शामिल अभियुक्तों के महत्वपूर्ण सबूत
  • गैंग के सदस्य olx से खरीदते है ज्यादातर घटना करने के लिए गाड़ियां
  • गैंग के सदस्य ज्यादातर घटनाओं में करते हैं पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल
  • दून पुलिस द्वारा घटनाओं में शामिल अभियुक्तों को फंडिंग करने वाला संदिग्ध शातिर और षड्यंत्र में शामिल सहित दो अभियुक्त गिरफ्तार, अन्य अभियुक्तों सहित कई दून पुलिस के रडार पर, बिहार में पूछताछ जारी
  • अलग अलग टीमों की मध्यप्रदेश,बिहार में ताबड़तोड़ दबिश जारी

देहरादून 15 नवंबर, देहरादून में रिलायंस ज्वेलरी शोरूम में बीती 9 नवंबर को लूट की घटना में अब तक की जांच में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई है। कटनी तथा लातूर,सांगली में भी हुई इसी प्रकार की घटनाओं की जानकारी हेतु गई टीमों द्वारा घटनाओं की जानकारी में पाया कि उक्त गैंग द्वारा बेहद शातिराना तरीके से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था, उनके द्वारा घटना करने के दौरान पोटेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे मौके पर कोई सेंसर ट्रिगर ना हो पाए और ना ही कोई फोन कॉल हो पाए। कटनी(मध्य प्रदेश)तथा सांगली (वेस्ट बंगाल)की घटनाओं में भी अभियुक्तों द्वारा पोर्टेबल सिगनल जैमर का इस्तेमाल किया जाना प्रकाश में आया है

इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा घटनाओं को करने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था या फर्जी आईडी पर OLX से गाड़ियां खरीद कर उन गाड़ियों से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था। देहरादून में हुई घटना में अभियुक्तों द्वारा चोरी की वाहनों का इस्तेमाल किया गया था जबकि लातूर व कटनी में अभियुक्तो द्वारा OLX के माध्यम से फर्जी आईडी पर गाड़ियां खरीदी गई थी।

घटनाओं के दौरान आपस में संपर्क करने के लिए अभियुक्तो द्वारा पश्चिम बंगाल तथा बिहार की फर्जी आई0डी0 पर सिम ख़रीदे जाते थे, जिन्हें घटना करने के बाद नष्ट कर दिया जाता था।

बिहार के वैशाली में दून पुलिस को अभियुक्तों के (operational secret hideout हाउस)के बारे में जानकारी प्राप्त हुई जिसे गैंग द्वारा( hideout control) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।

देहरादून घटना के शामिल अभियुक्तो द्वारा भी यही से कंट्रोल किया जा रहा था, घटना को अंजाम देने से पूर्व अभियुक्तों द्वारा उक्त स्थान पर एकत्रित हुए थे तथा यही से अपने टास्क के लिए रवाना होते थे। टास्क पूरा करने के उपरांत अभियुक्त पुनः उसी पूर्व निर्धारित कंट्रोल हाईड आउट हाउस में ही मिलते थे तथा उसके बाद आगे की रणनीति तय करते थे।

पुलिस द्वारा वैशाली में उक्त हाईड आउट हाउस में दबिश देकर देहरादून की घटना में शामिल अभियुक्तों के महत्वपूर्ण साक्ष्यों को बरामद किया गया है, इसी सीक्रेट हाइड आउट हाउस में टास्क देने के साथ-साथ गैंग के सदस्यों को हथियार, पैसे व गाड़ियों की जानकारी व सिमकार्ड और मोबाइल, कपड़े सभी सामान उपलब्ध कराया जाता था।

इसके अतिरिक्त किसी घटना के समय अभियुक्तो को की जाने वाली फंडिंग के संबंध में भी पुलिस टीम को काफी महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं जिससे यह जानकारी प्राप्त हुई है की गैंग सरगना द्वारा जेल के अंदर से ही अभियुक्त को घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे।

देहरादून में घटित घटना से पूर्व भी घटना में शामिल अभियुक्तो के खातों में पैसों का ट्रांजैक्शन होना पाया गया है तथा अभियुक्तों द्वारा हरिद्वार के गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान जो कपड़े घटना के दौरान पहने गए थे वह कपड़े हरिद्वार से जाकर नजीबाबाद के एक स्टोर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है।

नजीबाबाद से भी पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस सबूत मिले है। साथ ही अंबाला में गिरफ्तार अभियुक्त रोहित जो वेस्ट बंगाल की घटना में शामिल अभियुक्तों को फंडिंग कर रहा था, वही कनेक्शन बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त अमृत के मोबाइल से बरामद हुआ है, साथ ही विशाल कुमार को भी लॉजिस्टिक मुहैया कराने और घटना के साक्ष्य जैसे अभियुक्त द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है अभियुक्त विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था।

8 सितम्बर को यमुनानगर ज्वेलरी शॉप पर पांच बदमाशो ने हथियारों के बल पर शॉप लूटने की कोशिश की थी पर दुकान वालों की समझदारी से घटना करने में नाकाम रहे ,चार बदमाश भाग गए व एक बदमाश पवन को दुकानदारों ने हथियार सहित पड़कर पुलिस के हवाले किया, जिसने पूछताछ पर बताया की उनका गैंग दो माह पहले से यमुनानगर के पास मकान किराए पर लेकर रह रहा था।

पिछली 8 सितम्बर को यमुनानगर में उन्होंने पूर्व से योजना के तहत घटना करने का प्रयास किया परंतु पकड़े गए, अभियुक्त गण 3 मोटरसाइकिल में आए थे व 4 बदमाश 2 मोटरसाइकिल लेकर भाग गए।

गिरफ्तार अभियुक्त पवन ने बताया की सुबोध गैंग के सक्रिय सदस्य ही देहरादून में घटना करने आये थे जिनके बारे में पूछताछ में अहम सुराग दून पुलिस को मिले है।

अभी तक उपरोक्त प्रकरण में बिहार में दून पुलिस द्वारा दो लोग को गिरफ्तार किया गया है जिनका ट्रांजिट रिमांड न्यायालय से लिया जायेगा।

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