देहरादून 31 दिसंबर, थाना डालनवाला को सूचना प्राप्त हुई कि बीती 29 दिसंबर को संजय कॉलोनी मोहिनी रोड स्थित एक मकान के अन्दर एक व्यक्ति का शव कट्टे के अन्दर रखा हुआ है। उक्त सूचना पर प्रभारी निरीक्षक डालनवाला मय फोर्स के मौके पर पहुंचे, मौके पर एक व्यक्ति का शव एक प्लास्टिक के कट्टे के अन्दर बोरी व रजाई के साथ फर्श पर पड़ा था तथा शव से दुर्गन्ध आ रही थी। मौके पर शव का निरीक्षण करने पर मृतक व्यक्ति के सिर के बाईं ओर खुला हुआ घाव था तथा मृतक के पूरे मुँह पर रक्त लगा हुआ था, दोनों आँखे सूजी हुई थी तथा मृतक के दोनों पैरों को नीचे से नीले रंग की नायलान रस्सी से बांधा हुआ था। उच्चाधिकारीगणों को घटना की वस्तुस्थिति से अवगत कराकर मौके पर फील्ड यूनिट टीम को बुलवाया गया तथा घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किये गये। मृतक की शिनाख्त अशरफ अल्वी पुत्र स्व ए सलाम निवासी- जब्तागंज, नजीबाबाद, बिजनौर, उत्तर प्रदेश हाल निवासी- संजय कालोनी, मोहिनी रोड, थाना डालनवाला, जनपद देहरादून के रूप में हुई। मृतक के भाई की तहरीर पर थाने में मुकदमा बनाम अज्ञात दर्ज किया गया तथा मृतक के पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गयी।
पुलिस द्वारा घटना के सम्बन्ध में असपास के लोगों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि मृतक अशरफ अल्वी उपरोक्त द्वारा गुलिस्तान म्यूचुअल बेनेफिट निधि लिमिटेड का कार्यालय खोला हुआ था एवं यहीं पर एक अन्य लड़का जिसका नाम सोहेल पुत्र मौहम्मद नौशाद निवासी- धर्मदास, नजीबाबाद, जिला- बिजनौर, उत्तर प्रदेश है, मृतक के साथ ही रहता था जो कमरा बंद करके लगभग 22/23 दिसंबर से यहां से चला गया था। इनके साथ एक अन्य लड़की फरहीन भी कार्य करती थी जो आजाद नगर कालोनी पटेलनगर में रहती है, उक्त जानकारी पर एसएसआई महादेव उनियाल के नेतृत्व में एक टीम गठित कर फरहीन पुत्री फुरकान निवासी- हरिद्वार रोड, पंजाबी कालोनी, पटेलनगर, देहरादून के बताये हुए पते पर भेजी गयी। जहां पूछताछ में फरहीन द्वारा सोहेल का मोबाइल नमबर उपलब्ध कराया गया। उक्त नग्बर की लोकेशन प्राप्त करते हुए गठित टीम को उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार घटना में संदिग्ध व्यक्ति सोहेल की तलाश में गैर प्रान्त बिजनौर उत्तर प्रदेश रवाना हुये जहां पहुंचने के उपरान्त संदिग्ध व्यक्ति सोहेल के उपरोक्त पते पर दबिश दी गयी जिस पर ज्ञात हुआ कि मृतक अशरफ अल्वी के दो मोबाइल फोन व मृतक की स्कूटी भी सोहेल के पास ही है जोकि मृतक की स्कूटी के साथ बिजनौर में ही घूमता दिखायी दिया है जिस पुलिस टीम द्वारा सम्भावित स्थानों पर दबिश दी गयी तो ज्ञात हुआ कि सोहेल मृतक की स्कूटी के साथ देहरादून की ओर वापस चला गया जिसकी तलाश हेतु गठित पुलिस टीम वापस देहरादून आयी।
30 दिसंबर को प्रभारी निरीक्षक डालनवाला मय एसएसआई महादेव प्रसाद उनियाल मय टीम के थाना हाजा से मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित संदिग्ध अभियुक्त सोहेल की तलाश में रेलवे स्टेशन, बस अड्डा आईएसबीटी, कारगी चौक, बंजारावाला होते हुए बंगाली कोठी पहुंचे व संदिग्ध व्यक्ति सोहेल के मोबाइल नम्बर का पुनः सर्विलांस के माध्यम से लोकेशन प्राप्त किया गया जिसके आधार पर अभियुक्त को पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त को दून यूनिवर्सिटी के पास गीतांजलि एनक्लेव लेन नंबर 5 के सामने पाक’ से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त सोहेल के पास से मृतक अशरफ के ’दो मोबाइल फोन व मृतक की स्कूटी’ बरामद हुई।
सोहेल उपरोक्त से सख्ती से पूछताछ की गयी तो अभियुक्त द्वारा बताया गया कि अशरफ ने विगत दो माह पहले गुलिस्तान म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड खोली थी जो कोट खादर बिजनौर में थी किन्तु अशरफ को वहाँ पर नुकसान होने के बाद वह भागकर देहरादून आ गया व भगत सिंह कालोनी देहरादून में अपना ऑफिस खोल दिया। मैं अशरफ के कमरे संजय कालोनी में उसके साथ ही रहता था। उक्त कम्पनी में काम करने वाले अन्य लोगों को अशरफ द्वारा 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की बात कही गयी ’किन्तु मुझे अपना पार्टनर बनाने को कहा था।’ हम लोगों ने मेहनत करके 200 से अधिक लोगों के खाते खुलवाये थे किन्तु अशरफ द्वारा पैसे से सम्बन्धित कोई जानकारी मुझे नहीं दी जा रही थी। 15 दिसंबर को अशरफ के ऑफिस में पैसों को लेकर मेरे व अशरफ के बीच काफी झगड़ा हुआ था जिसके बाद अशरफ ने मुझे 5 हजार रुपये नकद दे दिये थे। 21 दिसंबर की रात्रि को जब मैं अपने कमरे पर पहुंचा तो अशरफ वहाँ पहले से मौजूद था। पैसों को लेकर पुनः हमारे बीच बहस हुई जिसके बाद उसने मुझे कहा कि मेरा तुझसे कोई हिसाब बाकी नहीं है व मुझे कमरे से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद मैने षडयन्त्र बनाया कि क्यों न मैं अशरफ को मार दूँ व इसे ठिकाने लगाकर इसके कमरे व ऑफिस में रखे रुपयों को लेकर फरार हो जाऊँ। मुझे उम्मीद थी कि ’उसके पास डेढ़ से दो लाख रुपये’ के करीब होंगे क्योंकि हमने दो माह में काफी खाते खुलवाये थे और अशरफ के द्वारा मुझे कोई हिसाब नहीं दिया जाता था जिसके बाद मैं उसी 21 दिसंबर की रात्रि करीब 22.30 बजे कुण्डी खटखटाने के बाद ठंड का बहाना बताकर अशरफ के कमरे में चला गया व लेट गया एवं अशरफ के सोने का इंतजार करने लगा। जैसे ही करीब 23.30 बजे रात्रि में अशरफ को नींद आयी तो मैने बिना देरी किये पास रखे पैट्रोमैक्स छोटे गैस सिलेण्डर को उठाकर अशरफ के सिर पर मारा पर अशरफ मात्र घायल हुआ तो मैंने तुरन्त पूरी ताकत से सिलेण्डर को उठाकर अशरफ के सिर पर मारा जिससे वो चित होकर नीचे गिरकर तड़पने लगा व उसका काफी खून बहने लगा। जिसके कुछ समय बाद वह मर गया। जिसके बाद मैंने कमरे में पैसे तलाश किये तो मुझे ’मात्र 5700/- रुपये’ मिले जिसे मैने अपने पास रख लिये उसके बाद मैं अपने कमरे से बाहर आया व कमरा बंद करने के बाद नदी किनारे कूड़े के ढेर के पास मेरे द्वारा पहले से ही छिपाये प्लास्टिक के कट्टे व बोरे को लेकर अशरफ के कमरे में लेकर चला गया। मेरे द्वारा अशरफ के शव को बोरे व कट्टे में पैक कर दिया गया व अशरफ के शव को रात्रि में ही ठिकाने लगाने की नियत से उठाने का प्रयास करने लगा परन्तु वजन ज्यादा होने के कारण बड़े प्रयासों के बाद भी मैं उसके शव को उठा नहीं पाया। उसके बाद मैंने उसी कट्टे के अंदर रजाई भर दी ताकि शव से जल्दी बदबू नहीं आये व फिर कभी समय मिलने पर मैं उसके शव को ठिकाने लगा सकूं जिसके बाद मैं सुबह होने का इंतजार करने लगा व उसके दोनों मोबाइल फोन व स्कूटी की चाबी मैंने प्रयोग हेतु अपने पास रख लिये। ’चूंकि मुझे पता था कि उसके डप् मोबाइल में उक्त कम्पनी के लेन-देन का एप है परन्तु मोबाइल फोन में पासवर्ड होने के कारण मैं उसका मोबाइल फोन काफी प्रयास करने के बाद भी खोल नहीं पाया।’ 22 दिसंबर की प्रातः लगभग 9 बजे मैं और पैसे ढूढ़ने की नियत से कमरे पर ताला लगाकर अशरफ के ऑफिस भगत सिंह कालोनी रायपुर पर गया व ऑफिस का ताला तोड़कर मेरे द्वारा पूरे ऑफिस को खंगाला गया परन्तु मुझे वहाँ कोई पैसा नहीं मिला। तभी वहाँ ऑफिस के अन्य कर्मचारी जुनैद, फरहीन, साहिमा आ गये जिनके द्वारा मुझसे अशरफ के बारे में पूछा तो मैने उन्हें बोला की अशरफ अपने काम से नजीबाबाद गये हैं। फिर मैं स्कूटी में पैट्रोल भरने के बहाने ऑफिस से निकलकर कमरे में आया व अपनी टी-शर्ट से जमीन पर पड़ा सारा खून साफ कर दिया व खून में सने कपड़ों को एक काली पन्नी में डालकर व अपने अन्य कपड़ों को बैग में भरकर कमरे पर ताला लगाकर नीचे आ गया व काली पन्नी जिसमें खून से सने कपड़े डाले थे, को नदी में बहा दिया व अपना बैग मृतक अशरफ की स्कूटी पर रखकर अशरफ से बरामद 5700/- रुपये व उसके दो मोबाइल फोन व उसकी स्कूटी को लेकर अपने घर नजीबाबाद चला गया व अशरफ के दोनों मोबाइल फोन से सिम निकालकर तोड़कर फेंक दिये। अभियुक्त सोहेल उपरोक्त से मृतक अशरफ से बरामद 5700/- रुपये के सम्बन्ध में पूछा तो बताया कि मैंने सारे पैसे खर्च कर दिये हैं। चूंकि अभियुक्त सोहेल द्वारा साक्ष्य छिपाने का प्रयास किया गया है, अतः मुकदमा उपरोक्त में धारा 201 भादवि की बढ़ोत्तरी कर अभियुक्त को उसके जुर्म धारा- 302/201 भादवि से अवगत कराते हुए हस्ब कायदा गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त सोहेल उपरोक्त को आज दिनांक 31 दिसंबर को सम्बन्धित माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।
पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त सोहेल पुत्र मौहम्मद नौशाद निवासी- धर्मदास, नजीबाबाद, जिला- बिजनौर, उत्तर प्रदेश उम्र 26 वर्ष।
गिरफ्तार अभियुक्त से बरामद माल वाहन स्कूटी सं0- यूपी020 बीएम6721 रंग भूरा और मृतक के दो मोबाइल फोन वीवो कम्पनी।
अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में नन्द किशोर भट्ट इंस्पेक्टर इंचार्ज कोतवाली डालनवाला देहरादून, एसएसआई महादेव प्रसाद उनियाल, एसआई पंकज महिपाल चौकी प्रभारी आराघर, एसआई सुरेन्द्र सिंह राणा, एसआई हर्ष अरोड़ा चौकी प्रभारी हाथीबड़कला, हेड कॉन्स्टेबल मांगेराम, कॉन्स्टेबल अरविन्द भट्ट, कॉन्स्टेबल विजय सिंह, कॉन्स्टेबल मोहन सिंह कोतवाली डालनवाला देहरादून
एसओजी देहरादून टीम मुकेश त्यागी इंस्पेक्टर इंचार्ज एसओजी देहरादून, कॉन्स्टेबल नरेन्द्र रावत, कॉन्स्टेबल देवेन्द्र, कॉन्स्टेबल किरण (टैक्निकल टीम) और कॉन्स्टेबल आशीष।
शिकायतकर्ता
इंस्पेक्टर इंचार्ज महिला