- मशाल यात्रा में सभी ले ली शपथ सड़क पर बेवजह मौत से बेहतर हेलमेट पहनना स्वीकार करुंगा
- “श्मशान घाट पर लाश न जले इसलिए रोज सड़कों पर मशाल जला रहा हूँ”- हेलमेट मैन, राघवेन्द्र कुमार
देहरादून, सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम में बीती 17 मार्च से हेलमेट के प्रति जागरुक किये जाने के उद्देश्य से चलाये जा रहे अभियान में आज शनिवार 18 मार्च को हैलमेट मैन ऑफ इण्डिया राघवेन्द्र कुमार द्वारा यातायात पुलिस / थाना पुलिस के साथ संयुक्त रुप से एफआरआई / थाना प्रेमनगर / पुलिस लाईन में हेलमेट के प्रति जागरुकता कार्यक्रम किये गये जिसमें उपस्थित सभी आमजन को दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रुप से पहनने तथा उसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी है । उक्त अभियान में ISI मार्क के लगभग 125 हेलमेट भी वितरित किये गये । उक्त अभियान का मुख्य उद्देश्य बिना हेलमेट वाहन चलाने के कारण अकारण होने वाली मृत्यु को रोकना तथा उसके प्रति जागरुक करना है।
उक्त जागरुकता कार्यक्रम में निर्धारित रुपरेखा के अनुसार अक्षय कोंडे, पुलिस अधीक्षक यातायात, देहरादून के निर्देशन में मशाल यात्रा निकाले जाने हेतु सांय 6 बजे घण्टाघर पर 200 पुलिस कर्मियों एवं माउण्टेंट पुलिस (अश्व दल) एकत्रित हुए। उक्त मशाल यात्रा शाम 6.30 बजे घण्टाघर से प्रस्थान होकर पल्टन बाजार की ओर निकाली गयी । हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार ने सड़क हादसों के खिलाफ युद्ध छेड़ा है. शाम होते ही सड़को पर मशाल लेकर निकल जाते है इनके साथ सैकड़ों युवा की टीम भी होती है । उक्त मशाल यात्रा में हैलमेट मैन के साथ जनपद देहरादून पुलिस भी मशाल जला रही हैं । हेलमेट नहीं पहनने से दुर्घटना में सिर में चोट आने पर मौत की घटना अधिक होती है इससे हेलमेट को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए नहीं अपनी जान की सुरक्षा के लिए अवश्य पहनना चाहिये । उक्त मशाल यात्रा में श्री अक्षय कोंडे पुलिस अधीक्षक यातायात तथा श्री राघवेन्द्र सिंह, हैलमेट मैन ऑफ इण्डिया, निरीक्षक यातायात व सीपीयू एवं अन्य 200 से अधिक पुलिस कर्मिंयों के साथ-साथ अश्व दल भी शामिल रहे । उक्त मशाल यात्रा का आमजन में सकारात्मक संदेष प्रसारित हुआ है जिसकी आमजन द्वारा भी सराहना की गयी ।
लोगों को हेलमेट के प्रति जागरूक करने के लिए हैलमेट मैन किताब के बदले जगह-जगह सड़कों पर फ्री हेलमेट बांट रहे है. सड़क सुरक्षा अभियान को मज़बूती देने के लिये उक्त हैलमेट मैन अपना घर तक बेच चुका है. इनके जीवन का बस अब एक ही मकसद है कि उसके दोस्त की तरह किसी अन्यद की जान हेलमेट ना पहनने के कारण न जाए, हैलमेट मैन राघवेन्द्र कुमार के उक्त अभियान में यातायात पुलिस देहरादून विगत वर्ष से सम्मिलित होकर सक्रिय रुप से कार्य कर रही है।
कैसे बने राघवेंद्र हेलमेट मैन –बताते चलें कि साल 2014 की दर्दनाक घटना के बाद से राघवेंद्र की जिंदगी में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट आया जब उन्हें खबर मिली की उनके जिगरी दोस्त कृष्ण का एक्सीडेंट हो गया है। उनके दोस्त कृष्ण किसी काम के चलते अपनी बाइक पर सवार होकर ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से गुजर रहे थे कि तभी पीछे से एक ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। इस दौरान उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था और इसके चलते उनके सिर पर गहरी चोट आई। 8 दिन तक अस्पताल में इलाज चलने के बाद उनके दोस्त की सांसों की डोर आखिरकार टूट ही गई। कृष्ण के परिवार ने अपने इकलौते लड़के को खो दिया और राघवेंद्र ने अपने भाई जैसे दोस्त को। राघवेंद्र बताते हैं कि दुख तो बहुत था लेकिन जैसे ही कृष्ण के घर पहुंचा तो वहां का नजारा देख दिल सहम गया। चारों ओर चीख पुकार मची थी, बस एक लाचार माँ की आंखें अपने बच्चे के मृत शरीर को जिस तरह से देख रही थी वो नजारा मैं भूल नहीं पाया। बस उस दिन ठान लिया कि आज के बाद कोई मां इस तरह अपने बच्चे को ना देख पाए इसकी पूरी कोशिश करूंगा। राघवेंद्र ने बाइक सवार लोगों को फ्री में हेलमेट देने की मुहिम छेड़ दी और उस दिन जन्म हुआ ‘हेलमेट मैन’ का, वही हेलमेट मैन राघवेंद्र जो आज आपको देश भर में सड़क चलते लोगों को हेलमेट बांटता नजर आता है।
यातायात पुलिस देहरादून द्वारा हैलमेट मैन राघवेंद्र के साथ विगत वर्ष से संयुक्त कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 500 से अधिक हैलमेट वितरित कर चुकी है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा तथा समय-समय पर उक्त हैलमेट मैन को जनपद देहरादून में आमन्त्रित किया जाता रहेगा –अक्षय कोंडे, पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून।