हरिद्वार, प्रदेश सरकार के ज़ीरो टॉलरेंस के लाख दावों के बावजूद भी सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी का खेल लगातार जारी है। देहरादून से आई विजिलेंस विभाग की विशेष टीम ने शनिवार को कनखल क्षेत्र के एक बिजली घर पर छापेमारी कर ऊर्जा निगम के एक एसडीओ को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने की शिकायत भी बीजेपी पार्षद ने की थी। कनखल क्षेत्र में भाजपा पार्षद के भाई से बिजली कनेक्शन के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगने पर देहरादून की विजिलेंस टीम ने एसडीओ को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, आरोपी एसडीओ कनेक्शन के लिए चार महीने से पीड़ित को चक्कर कटा रहा था।
बताते चलें कि जगजीतपुर के राजा गार्डन से भाजपा पार्षद लोकेश पाल के भाई महेश पाल ने खोखरा तिराहा के पास नया मकान बनाया है। मकान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए उन्होंने चार महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन एसडीओ संदीप शर्मा कभी निरीक्षण तो कभी निचले कर्मचारियों की रिपोर्ट का बहाना बनाते हुए टाल मटोल कर रहा था। आरोप है कि एसडीओ ने कनेक्शन की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। भाजपा पार्षद द्वारा इस मामले में स्वयं एसडीओ को फोन किया था। भाजपा पार्षद लोकेश पाल द्वारा एसडीओ को अपना परिचय देने के बाद भी ऊर्जा निगम का एसडीओ बीजेपी के पार्षद से नहीं डरा। वह उसके भाई से 20 हजार की रिश्वत मांगता रहा, उसने साफ कहा कि आप पार्षद हो इसलिए आपको पांच हजार की छूट देता हूं। आप पंद्रह हजार रुपए दे देना। आखिरकार पीड़ित ने इसकी सूचना विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1064 पर दी। इसके बाद विजिलेंस ने एसडीओ को रंगे हाथ पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया। तय योजना के अनुसार शनिवार दोपहर महेश पाल पैसे लेकर पहुंचा। जैसे ही एसडीओ ने रकम हाथ में पकड़ी, विजिलेंस ने रंगे हाथ दबोच लिया। विजिलेंस टीम ने घंटों तक पूछताछ करने के साथ ही दफ्तर में फाइलें भी खंगाली। विजिलेंस की टीम ने छापा मार कर उसे रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस टीम के मुताबिक, आरोपी एसडीओ कनेक्शन के लिए चार महीने से पीड़ित को चक्कर कटा रहा था। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने बंद कमरे में घंटों तक एसडीओ से पूछताछ की गई। वहीं, इस कार्रवाई से ऊर्जा निगम कर्मियों में हड़कंप मचा रहा। विजिलेंस टीम के मुताबिक, जगजीतपुर के राजा गार्डन से भाजपा पार्षद लोकेश पाल के भाई महेश पाल ने खोखरा तिराहा के पास नया मकान बनाया है। मकान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए उन्होंने चार महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन एसडीओ संदीप शर्मा कभी निरीक्षण तो कभी निचले कर्मचारियों की रिपोर्ट का बहाना बनाते हुए टाल मटोल कर रहा था।