नई दिल्ली 19 मई, आज बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में एक साल की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर पीड़ित परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह कानून का पालन करेंगे।
ज्ञात हो नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पंजाब के पटियाला में 1988 में हुई इस घटना में गुरनाम सिंह नाम के शख्स की मौत हो गई थी। सिद्धू और उनके दोस्त कंवर सिंह संधू को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 3-3 साल की सजा दी थी। लेकिन जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने संधू को पूरी तरह बरी कर दिया। सिद्धू को मामले में 65 वर्षीय व्यक्ति को “जानबूझकर चोट पहुंचाने” के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।। इसके खिलाफ गुरनाम सिंह के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। परिवार ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी। 13 सितंबर 2018 को कोर्ट ने याचिका को विचार के लिए स्वीकार किया। लेकिन तब कोर्ट यह साफ कर किया था कि वह सिर्फ सजा बढ़ाने की मांग पर विचार करेगा। इसका मतलब यह था कि सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोबारा सुनवाई नहीं होगी।