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Friday, November 22, 2024

आपसी विवाद में भाई को फंसाने को रचा षणयंत्र, पुलिस ने किया साजिश का भंडाफोड़

  • कोतवाली विकासनगर क्षेत्रांतर्गत लाइन जीवनगढ़ आदर्श कॉलोनी में एक भाई द्वारा दूसरे भाई और भतीजे को षड्यंत्र में फंसाने को लेकर रची साजिश का भंडाफोड़
  • घर पर बालिका को बेहोश कर लाखों की चोरी करने की घटना निकली झूठी, अब झूठी FIR करने को लेकर शिकायतकर्ता के विरुद्ध की जा रही है नियमानुसार कार्यवाही

देहरादून/विकासनगर 5 सितम्बर, बीते रविवार 3 सितम्बर को शिकायतकर्ता जितेंद्र चौधरी पुत्र शेर सिंह चौधरी निवासी लेन नंबर 4 आदर्श कॉलोनी लाइन जीवनगढ़ विकासनगर देहरादून ने सूचना दी की जब वह समय 3:30 बजे से 4:30 के मध्य अपने रिश्तेदारों को छोड़ने हरबर्टपुर गया था तब घर पर शिकायतकर्ता अपनी 14 वर्षीय भांजी को छोड़कर आया था,और जब हरबर्टपुर से वापस आया तो देखा कि गेट बन्द है तथा घर के अंदर आवाज लगाई तो कोई बाहर नही आया तब शिकायतकर्ता जितेंद्र द्वारा किसी को दीवार से चडाकर गेट को किसी तरह से खुलवाकर चैक किया तो अंदर शिकायतकर्ता की 14 वर्षीय भांजी किचन के पास बेहोश पड़ी थी और चाय का बर्तन,नमकीन और चाय गिर कर फर्स पर पड़ी थी और दोनों कमरों का सामान बिखरा पड़ा था और गोदरेज को अलमारी का ताला खोलकर आलमारी में रखी बड़ी मात्रा में नगदी और ज्वैलरी चोरी हो गई थी सीसीटीवी बंद थे घर की लाइट बंद थी तथा शिकायतकर्ता द्वारा उक्त चोरी का शक अपने भाई वीरेंद्र चौधरी पर और भतीजे कुणाल पर लगाया गया था,उक्त तहरीर के आधार पर कोतवाली विकासनगर में मुकदमा अपराध संख्या – 353/23/ धारा 328,380 आईपीसी बनाम वीरेंद्र चौधरी आदि पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना एसआई अर्जुन सिंह गुसाईं चौकी प्रभारी डाकपत्थर के सुपुर्द की गई।

घटना की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी /एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर द्वारा प्रभावी सुराग रसी पता रसी कर घटना का तुरंत अनावरण हेतु निर्देशित किया गया।तथा एसपी रूरल और सीओ विकासनगर के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक विकासनगर के नेतृत्व में एसएसआई विकासनगर व विवेचक चौकी प्रभारी डाकपत्थर और चौकी प्रभारी बाजार विकासनगर द्वारा मय पुलिस टीम के घटना स्थल का निरीक्षण कर, वादी द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में,घटना के बाद घर पर मूर्छित अवस्था में पड़ी (वादी की भांजी) बालिका से परिजनों के समक्ष पूछताछ की तो बताया कि वह किचन में पानी पीने गई थी की 3 नकाब पोश लडके घर के पीछे के दरवाजे से घर के अंदर घुसे और मुझे कुछ सुंघाकर बेहोश कर घर में चोरी कर दी थी।

अन्य घर पर घटना से पहले उपस्थित दिल कुमार शिकायतकर्ता की ज्वैलरी शॉप में कार्यरत) द्वारा बताया कि मैंने जितेंद्र चौधरी को 5 लाख दिए थे वो भी चोरी हो गए और साथ में ज्वैलरी भी चोरी हो गई थी।
वादी और गवाहों द्वारा बताए गए घटनाक्रम की जांच की गई तो पाया की घटना स्थल (शिकायतकर्ता के घर)के चारों और अन्य आवासीय भवन है। सभी भवनों में घटना के समय छुट्टी का दिन होने के कारण लोग उपस्थित थे बच्चे बाहर खेल रहे थे किसी के द्वारा घटना वाले घर में पारिवारिक सदस्यों के अतिरिक्त किसी को आते जाते नही देखा था
वादी के घर पर 3 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं,लेकिन कैमरे में कोई बाहर से आते जाते नही दिखाई दे रहा था और सीसीटीवी में समय 4:03 pm से 4:39 PM तक फुटेज नही थी,कैमरे इन्वर्टर से या अंदर रूम से ही बंद हो सकते थे लेकिन इन्वर्टर से यदि कैमरे बंद किए जाते तो सीसीटीवी में कैद हो जाता अतः कैमरे अंदर रूम से ही बंद किए गए थे।

शिकायतकर्ता की 14 वर्षीय भांजी द्वारा बताया था कि जब वह किचन में पानी पीने गई तो पीछे से 3 लोगों के द्वारा उसको किचन में ही कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया था लेकिन गोदरेज की अलमारी के पास सिंदूर गिरी थी और सिंदूर की डिब्बी बंद थी जबकि घटना के बाद उक्त बालिका के हाथ ,मुंह और कपड़ों में सिंदूर लगी थी जिसका उक्त बालिका स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही थी।

शिकायतकर्ता और गवाहों के बयानों और मौके की स्थिति और आस पड़ोस के लोगों के बयानों से उक्त घटना संदिग्ध प्रतीत हो रही थी जिसकी सत्यता हेतु पुनः हर पहलू की जांच की गई तो पुनः पूछताछ में घटना के गवाह वादी की भांजी (बालिका) द्वारा अपने परिवार के समक्ष घटना की सही जानकारी देते हुए बताया कि वादी जितेंद्र कुमार द्वारा घर से निकलने से पूर्व अपनी भांजी को बताया था कि जब सब घर से बाहर चले जाएं उसको 20,25 मिनट बाद घर का सामान बिखेर कर,गोदरेज की आलमारी से कपड़े और ज्वैलरी के खाली पड़े डिब्बे फर्स पर बिखेर देना और सीसीटीवी कैमरे बंद कर देना और अपने आप बेहोश होने का नाटक करना जिससे की देखने पर लगे की घर पर चोरी की घटना हुई है बालिका द्वारा अपनी माता को उपस्थिति में बताया को उसने अपने मामा जितेंद्र चौधरी के कहने पर चोरी की झूठी कहानी बनाई थी।

अन्य गवाह दिल कुमार द्वारा भी अपनी दीदी जीजा की उपस्थिति में बताया की जब वह हरबर्टपुर से शिकायतकर्ता के साथ आया तो घर पर समान बिखरा हुआ था और बालिका बेहोश थी जब उसको अस्पताल ले जाने के बाद घर लाया जा रहा था तो जितेंद्र चौधरी द्वारा दिल कुमार को बताया की यदि पुलिस पूछे तो बताना की मैंने 5 लाख रूपये त्यूणी से लाकर जितेंद्र को दिए थे ज्वैलरी के अतिरिक्त वह 5 लाख रुपए भी चोरी हो गए थे,दिल कुमार द्वारा बताया की उसने जितेंद्र कुमार के कहने पर पुलिस से झूठ बोला था।

सीडीआर,सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन और आसपास के गवाहों के कथन अनुसार प्रतिवादी गणों का घटना स्थल पर आना जाना नही पाया गया। उक्त FIR लिखवाए जाने पर वादी मुकदमा जितेंद्र चौधरी से मजीद पूछताछ की गई तो माफी मांगता हुए कहने लगा की मेरे भाई वीरेंद्र चौधरी और मेरा घर के कब्जे को लेकर विवाद है जिसको लेकर मेरी वीरेंद्र चौधरी के साथ रक्षा बंधन के दिन बहस हो गई थी,तभी से में वीरेंद्र चौधरी को सबक सिखाने और घर अपने नाम करने का षड्यंत्र रच रहा था, कि 3 सितम्बर को जब में अपने रिश्तेदारों 2 लोगों को छोड़ने के लिए हरबर्टपुर जा रहा था तब मैने जान कर अपनी भांजी को घर पर अकेला छोड़ा था और रिश्तेदारों को छोड़ने के लिए घर पर उपस्थित अन्य सभी लोगों को लेकर गया था,भांजी से मैने कहा था कि जब हम घर से निकल जाएं उसके बाद घर का सामान और गोदरेज की अलमारी का सामान बिखेर देना,सीसीटीवी कैमरे बंद कर देना और अपने आप बेहोश होने का नाटक करना मेरी भांजी ने मेरे कहने पर सारा नाटक किया था और जब वह बेहोश होने का नाटक कर रही थी तब उसको अस्पताल ले जाने के बाद वापस घर लाने के लिए मैने दिल कुमार को भेजा तो उसको मैंने ही बताया था कि यदि पुलिस पूछे तो बताना की 5 लाख त्यूणी दुकान से लाकर मैंने ही जितेंद्र चौधरी को दिए थे जो चोरी हो गए और ज्वैलरी भी चोरी हो गई, मेरे कहने पर ही मेरी भांजी और दिल कुमार ने झूठ बोला था।

अभियोग में आरोप निराधार और झूठे पाए जाने पर अभियोग की विवेचना जरिए अंतिम रिपोर्ट मय जुर्म खारिजा रिपोर्ट के समाप्त की गई तथा झूठी FIR लिखवाए जाने पर वादी मुकदमा जितेंद्र चौधरी उपरोक्त के विरुद्ध अंतर्गत धारा -182 IPC में परिवाद माननीय न्यायालय किया जा रहा है।

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