24.2 C
Dehradun
Monday, June 23, 2025

टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को 74.4 लाख सहित परिसंपत्तियों का भी मिलेगा मुआवजा: महाराज

  • निर्धारित मानकों के अनुसार ही बढ़ाया गया है टिहरी बांध का संग्रहण जलस्तर
  • टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को 74.4 लाख सहित भवन एवं अन्य परिसंपत्तियों का भी मिलेगा मुआवजा: महाराज

देहरादून 4 सितम्बर, टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी मामलों को लेकर शनिवार को एक बैठक का आयोजन किया गया।
टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी मामलों को लेकर शनिवार को एक बैठक सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में उनके सुभाष रोड़ स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में सतपाल महाराज ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ पूर्व में हुई ऐतिहासिक बैठक में तय किया गया था कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा।

टीएचडीसी अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच हुई बैठकों के बाद तय हुआ कि टीएचडीसी उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग देगा। जिसमें वह “संपार्श्विक क्षति नीति 2013” के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर अपनी रिट याचिका को वापस ले लेगा।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में अभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं और शीघ्र ही उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका को वापस ले लिया जाएगा।

पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बैठक के दौरान बताया कि टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है वह प्रभावित क्षेत्र के तत्समय बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रूपये आंकी गई है। टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार दोनों की सहमति से तय हुआ है कि बांध प्रभावित 415 परिवारों में से ऐसे सभी परिवारों को पुनर्वास हेतु 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार दिया जाएगा जिनके लिए भूमि उपलब्ध नहीं है।उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को लोक निर्माण विभाग के मूल्यांकन मानकों के अनुसार क्षतिग्रस्त भवनों के लिए वर्तमान प्रचलित मूल्य के आधार पर नकद धनराशि भी दी जाएगी।

महाराज ने कहा कि यदि प्रभावित परिवार की भूमि की क्षति संपूर्ण भूमि के 50% से अधिक है तथा भूमि आर.एल. 835 मीटर पर अथवा आर.एल. 835 मीटर से ऊपर स्थित है इस स्थिति में 2 एकड़ विकसित भूमि जनपद हरिद्वार एवं देहरादून आदि स्थानों पर आवंटित की जाएगी।

इसके अलावा प्रभावित परिवार को 60,000 रुपए भवन निर्माण सहायता के रूप में दिये जायेंगे। जबकि अन्य परिसंपत्तियों जैसे पशुशाला, वृक्ष, अनाज इत्यादि का भुगतान लोक निर्माण विभाग, बागवानी विभाग वन विभाग के मूल्यांकन मानकों के अनुसार किया जाएगा। सिंचाई मंत्री ने बताया कि यदि प्रभावित परिवारों को भूमि स्वीकार्य नहीं है तो इस स्थिति में सरकार द्वारा स्वीकृत दरों के अनुसार नगद प्रति कर भुगतान किया जाएगा।

महाराज ने कहा कि पात्रता मानक के अनुसार केवल वही परिवार पात्र होंगे जिनकी भूमि उनके नाम 26 अप्रैल 2007 से पहले दर्ज हुई है। प्रभावित भूमि कुल भूमि का 50% से अधिक हो। क्षतिग्रस्त भूमि आर.एल. 835 मीटर से नीचे की संपूर्ण भूमि को सम्मिलित करते हुए 50% से कम है तो इस दशा में पुनर्वास की आवश्यकता नहीं होगी। केवल नगद प्रतिकार का भुगतान वर्तमान में प्रचलित स्वीकृत दर के अनुसार ही किया जाएगा।

सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रभावित परिवार के नये स्थान पर बसने हेतु 10,000 रू. प्रति परिवार पुनर्वास अनुदान का भुगतान भी किया जाएगा। प्रभावित परिवारों को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने स्थिति में प्रत्येक परिवार को 10,000 रू. स्थानांतरण भत्ता भी दिया जाएगा।

इतना ही नहीं यह भी तय किया गया है कि प्रभावित परिवारों के नए स्थान पर विस्थापित होने तक इनके जीविकोपार्जन पर प्रभाव पड़ेगा इसलिए प्रत्येक प्रभावित परिवार को उपार्जन हेतु न्यूनतम 25 दिन की कृषि मजदूरी के बराबर 1 वर्ष तक भुगतान किया जाएगा।

इस समझौते के तहत रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में भी तय हुआ है कि ग्राम रौलाकोट के विस्थापन हेतु पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर, आदि गांव में उपलब्ध है जो कि पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। क्योंकि उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए
टीएचडीसी 10.5 करोड़ की राशि इसके लिए वहन करेगा।

कुल मिलाकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के अथक प्रयासों के बाद 20 वर्षों के लम्बे इन्तजार के बाद अब कहीं टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों की पुनर्वास संबंधित समस्याओं समाधान हो पा रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा टीएचडीसी को टिहरी बांध का जल स्तर 2 मीटर बढ़ाने की अनुमति के विषय में जानकारी देते हुए सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि सम्पार्श्विक क्षतिनीति-2013 के अनुसार टिहरी बांध जलाशय का अधिकतम आर.एल. 830 मीटर है तथा फ्री- बोर्ड सहित अधिकतम बाढ़ स्तर आर.एल. 835 मीटर निर्धारित किया गया है।

जलाशय में जलभराव से पूर्व आर.एल. 835 मीटर तक पुनर्वास कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया था इसलिए टिहरी बांध का जल स्तर 2 मीटर बढ़ाने का निर्णय मानकों के अनुसार ही किया गया है।

बैठक में टिहरी बांध प्रभावित परिवारों के सदस्यों सहित सचिव सिंचाई हरीश चंद्र सेमवाल एवं अधीक्षण अभियंता/अधिशासी निदेशक पुनर्वास प्रेम सिंह पंवार आदि उपस्थित थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!