- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ निवासी अजय ओली को मिलेगा राष्ट्रीय युवा पुरुस्कार : राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित
- पूरे देश में इस साल उत्तराखंड से पिथौरागढ़ निवासी 28 वर्षीय अजय ओली समेत 7 युवाओं का हुआ है चयन
देहरादून 11 जुलाई, 2015 से बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य करने और बच्चों को बालश्रम और बाल भिक्षा जैसे अभिशाप से मुक्त करने का प्रयास कर अपनी यात्रा शुरू करने वाले अजय ओली को राष्टीय युवा पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। पूरे देश में इस साल 7 युवाओं का हुआ है चयन जिसमे उत्तराखंड से पिथौरागढ़ निवासी 28 वर्षीय अजय ओली का चयन हुआ है। उत्तराखंड को 10 साल बाद मिला यह सम्मान और अजय को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। टाना, पिथौरागढ़ निवासी अजय ओली ने 23 वर्ष की उम्र में बच्चों के लिए जीवन समर्पित करने का प्रण लिया और लखनऊ से नंगे पांव पैदल यात्रा शुरू कर अपने अभियान की शुरुआत की थी।
ह्यूमन रिसोर्स, होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म में मास्टर कर चुके अजय ने कई सरकारी नौकरी के मौके और अपना व्यवसाय छोड़ कर अपने जीवन को बच्चों के लिए समर्पित करने का लक्ष्य बनाया और निरंतर उस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। आजतक भारत के 110 से अधिक शहर , 8 राज्य , 1300 से अधिक संस्थान और 3 लाख से अधिक लोगों से इस अभियान के चलते मिलकर उन्हें जागरूक किया और हजारों को इस अभियान से जोड़ा भी है।
1 लाख से अधिक किलोमीटर की नंगे पांव जागरूकता यात्रा कर चुके अजय बताते हैं की ये सफर बहुत ही मुश्किलों भरा रहा है मगर किसी भी बच्चे को मुस्कुराता देख जो खुशी और सुकून मिलता है वो सबसे सच और अलग है। वर्तमान में खुद मेहनत कर दर्जनों बच्चों को शिक्षा और सभी सुविधा देने का काम कर रहे हैं वहीं अब तक 17000 से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ चुके हैं।
अजय ओली ने कहा की उनकी इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनके स्वर्गीय दादाजी घनश्याम ओली जी को जाता है और माता धनेश्वरी देवी, पिता गिरीश ओली, बुआ प्रेमा सुतेरी और भाई अमित ओली की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। इसके अलावा पिथौरागढ़ के पूर्व जिलाधिकारी सी रविशंकर और पुलिस विभाग के पी सी एस अधिकारी शेखर सुयाल , यूथ कोऑर्डिनेटर ध्रुव डोगरा, नितिन मारकाना, पूजा भट्ट के साथ साथ देश के प्रमुख समाचार पत्रों ने भी इनका समय समय पर उत्साह वर्धन किया है।
उन्होंने कहा की देश में उन्हे सबसे ज्यादा प्यार और सहयोग उत्तराखंड , पंजाब और राजस्थान से मिला। इस से पहले लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और कई सम्मानित पुरुस्कार से भी अजय ओली को नवाजा गया है। राष्टीय सम्मान के लिए अपने देश और समाज का धन्यवाद करते हुए उन्होंने इस पुरुस्कार और सम्मान को पिथौरागढ़ के हर निवासी को समर्पित किया और अपील कर कहा की बच्चों का भविष्य बचाने में सहयोग करें। बाल भिक्षा और बाल श्रम रोकें और बच्चों को शिक्षा से जोड़े। घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी इस मुहिम में हर संभव अपना योगदान देगी। उन्होंने यह भी कहा की भविष्य में भी पूरे देश में पिथौरागढ़ और उत्तराखंड का नाम ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए वो समर्पित और नि:स्वार्थ भाव से अपना योगदान देते रहेंगे। उनकी इस उपलब्धि पर जिलाधिकारी, विकास अधिकारी सहित प्रदेश के सभी अन्य लोगों ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
पिथौरागढ़ से तीन लोगों को राष्टीय युवा पुरुस्कार अब तक मिले हैं इस से पहले 1998 99 में जगदीश भट्ट और 2010 11 में प्रदीप माहरा को भी मिला था राष्टीय युवा सम्मान। प्रदीप माहरा जी दर्जनों युवाओं की प्रेरणा हैं और सक्रिय तौर पर समाज में आज भी युवाओं के बीच अपने विचार रखते है और मार्ग दर्शन करते हैं वही अन्य कई क्षेत्रों में अपना अहम योगदान देकर समाज को नहीं रह से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं। अजय ओली ने बताया की नेहरू युवा केंद्र का इस सफर में बहुत अहम योगदान है और पिथौरागढ़ के यूथ कोऑर्डिनेटर ध्रुव डोगरा को इसका बड़ा श्रेय जाता है। उन्होंने शुरुआत से ही उनका मनोबल बढ़ाया और पुरुस्कार संबंधित हर पहलू में उनकी सहयता की है।