देहरादून 27 जून, बीती 15 जून, को एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी ने कोतवाली देहरादून मे मुकदमा दर्ज कराया कि उसकी फेसबुक आईडी के फेसबुक मैसेन्जर पर अशोक कुमार आईपीएस के नाम की मैसेन्जर आईडी पर मैसेज आया एवं चैट के दौरन उक्त आईडी चल रहे अज्ञात व्यक्ति द्वारा उससे गूगल पे व पेटीएम के माध्यम से पैसे की मांग की गई चूँकि वादी को जानकारी थी कि अशोक कुमार उत्तराखण्ड के डीजीपी हैं। अज्ञात व्यक्ति द्वारा अशोक कुमार आईपीएस के फर्जी फेसबुक चैट के दौरान उसने गूगल पे अथवा पेटीएम के माध्यम से पैसे की मांग की। जांच में पता चला कि जिस मोबाइल नंबर के जरिये फेसबुक आइडी से संदेश दिया गया, वह मोबाइल नंबर भरतपुर में सक्रिय है।
डीआईजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो भरतपुर, राजस्थान और एक सहारनुपर उत्तर प्रदेश से दबोचा गया। ये तीनों भरतपुर के ही रहने वाले हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीम बनाई गईं थीं। इसके बाद पुलिस टीम भरतपुर भेजी गई।
पुलिस ने उस व्यक्ति के बारे पता किया, जिसके मोबाइल फोन से संदेश भेजे गए थे। पूछताछ में पता चला कि यह आइडी भरतपुर से चलाई जा रही है और शेर मोहम्मद निवासी ग्राम खोह डींग, भरतपुर की है। पुलिस गांव पहुंची तो पता लगा कि शेर मोहम्मद की 29 अप्रैल को मौत हो चुकी है। जांच में सामने आया कि शेर मोहम्मद का दामाद इरशाद निवासी ग्राम कलथरिया, जिला भरतपुर फेसबुक पर फर्जी आइडी बनाकर धोखाधड़ी करने का गैंग चला रहा है। गैंग में इरशाद का भाई अरशद और शेर मोहम्मद का बेटा जाहिद भी शामिल हैं। 25 जून को पुलिस ने जाहिद को भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया।
जाहिद ने पुलिस को बताया कि इरशाद और अरशद दिखावे के लिए ये लोग मालवाहक ट्रकों में क्लीनर के तौर पर काम करते हैं। वारदात के बाद वे ट्रक के साथ यात्रा पर निकल जाते हैं। ज्यादातर वे गुरुग्राम, कोलकाता, चेन्नई, विजयवाड़ा और हैदराबाद की यात्राएं करते हैं। इस पर पुलिस की टीमें हैदराबाद, विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा भी भेजी गईं पर इस बीच इरशाद 26 जून को अपने गांव वापस पहुंच गया। पुलिस ने उसे उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया। इरशाद की निशानदेही पर टीम ने अरशद को भी रविवार को रेलवे स्टेशन, सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।