- दून उद्योग व्यापार मंडल की इकाई, देहरादून सर्राफा मण्डल ने सरकार द्वारा नई एसओ पी में ज्वेलर्स को न शामिल करने पर नाराजगी जताई है
- सरकार के पास पास व्यापार के प्रकार की लिस्ट ही नहीं है, या इनके पास कोई पैमाना ही नही है अनलॉकडाउन का।
देहरादून 7 जून, दून उद्योग व्यापार मंडल की इकाई, देहरादून सर्राफा मण्डल के अध्यक्ष सुनील मेसोंन ने सरकार द्वारा जारी नई एसओपी में अभी तक ज्वेलर्स और अन्य व्यापारों को न शामिल करने पर नाराजगी जताई है। दून सर्राफा मंडल का कहना है कि क्या ज्वेलर्स द्वारा कोरोना फैल रहा है या इनके द्वारा ज्यादा फैलने की आशंका है? जो ज्वेलर्स की ओर सरकार ध्यान नहीं जा रहा है जिसकी वजह से हमारी अनदेखी हो रही है। ज्वेलर्स की समस्या है कि 16 जून से पूरे देश में हॉलमार्क एक्ट अनिवार्य हो रहा है और ज्वेलर्स को स्टॉक ऑडिट उससे पहले करना है। ज्वेलर्स की इस परेशानी की ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा या वह इसे समझना नहीं चाहती है। कारोबारियों का कहना है कि सभी प्रतिष्ठानों को समान अवसर मिलने चाहिए ताकि सभी की आर्थिकी थोड़ी-थोड़ी चलती रहे।
- इसको लेकर दून उद्योग व्यापार मंडल ने सरकार को सुझाव दिया था और यह माँग रखी थी कि सभी प्रकार के व्यापार की लिस्ट बनाई जाए :-उस लिस्ट को 2-PARTS में, Part-A और Part-B में विभाजित किया जाए ।
- PART-A की दुकानें सोमवार, मंगलवार और बुधवार को खोली जाए
- PART-B की दुकानें वीरवार, शुक्रवार और शनिवार को खोली जाएं ।
- बाजार का समय प्रातः 10 से शाम 5 बजे तक किया जाए।
दून उद्योग व्यापार मण्डल के महासचिव तथा सर्राफा मण्डल देहरादून के अध्यक्ष सुनील मेसोंन का कहना है कि जो व्यापार छोड़ दिये गए हैं और उन्हें एक भी दिन नहीं खोला गया है। उनके साथ भी रोजगार और खाने की समस्या है क्या वह व्यापारी सामान GST नहीं देते ? क्या उनके यहाँ काम करने वाले कामगारों की जरूरतें नहीं है जो उन्हें समानता और सुविधा का संतुलन का अधिकार नहीं है ? अतः सरकार से अनुरोध है कि हमारी समस्याओं की ओर भी सरकार ध्यान दे और समाधान का प्रयास करे।