देहरादून, 19 नवम्बर विवाद से विश्वास योजना पर आयोजित वेबिनार में समूचे गढ़वाल मंडल के आयकर अधिकारी, चार्टेड एकाउंटेंट, अधिवक्ता और कारोबारी शामिल हुए। आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त एनसी उपाध्याय ने कहा कि विभाग सभी स्टेकहोल्डरों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की इस बेहद उदार और उपयोगी योजना का लाभ करदाताओं को दिलवाया जाएगा।
आयकर विभाग की तरफ से विवाद से विश्वास योजना 2020 विषय आयोजित वेबिनार में इस योजना पर सभी आयामों पर विमर्श हुआ। इस मसले पर तमाम सवाल जवाब किए गए। लोगों की शंकाओं का समाधान किया गया। उनकी जिज्ञासाएं शांत की गई।
इस मौके पर ज्वाइंट कमिश्नर एनसी उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार की इस योजना के बहुत फायदे हैं। इसका अधिक से अधिक फायदा उठाया जाना चाहिए। अगर कोई भी टैक्सपेयर किसी निर्धारण वर्ष में अपने मूल आयकर को जमा कर देता है तो उसे ब्याज व पैनल्टी से छूट प्राप्त हो जाएगी। साथ गी इस योजना में आने वाले व्यक्ति को अभियोजन से मुक्ति मिल जाएगी। अगर किसी निर्धारती के द्वारा विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत जमा करने योग्य टैक्स से अधिक यदि जमा किया गया हो तो वह निर्धारती अपने अतिरिक्त जमा टैक्स को वापस पा सकते हैं। उनका अतिरिक्त टैक्स रिफंड हो जाएगा।
ज्वाइंट कमिश्नर ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी निर्धारती जिसकी कोई भी अपील आयकर आयुक्त (अपील) आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल, उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय में 31 जनवरी 2020 को लंबित है। अगर यह निर्धारती इस योजाना के अंतर्गत लाभ लेना चाहता है तो उस पर अधिरोपित ब्याज एवं पैनल्टी से उसे छूट मिल सकती है। इस योजना के लिए उसे 31 दिसंबर 2020 तक फार्म -1 व फार्म 2 में अपने कर संबंधी तथ्यों का उल्लेख करते हुए प्रधान आयकर आयुक्त कायार्लय में आवेदन करना होगा। इसके बाद निर्धारती के कर संबंधी तथ्यों की समीक्षा करने के बाद आवेदक को प्रधान आयकर आयुक्त से फार्म 3 जारी किया जाएगा। इसमें योजना के अंतर्गत जमा करने वाली राशि का उल्लेख होगा।
ज्वाइंट कमिश्नर एनसी उपाध्याय ने कहा कि कर निर्धारती इसके बाद फार्म 3 में उल्लेखित कर को 31 मार्च 2021 तक बिना किसी अतिरिक्त राशि के जमा कर सकते हैं। 31 मार्च 2021 के बाद जमा करने वाली राशि पर जहां योजनानुसार सौ फीसदी कर जमा होना था वहां 110 फीसदी एवं विवादित पैनल्टी-फीस का जहां 25 फीसदी जमा होना था वहां तीस प्रतिशत जमा किया जाएगा। अगर किसी अपीलीय फोरम से करदाता के पक्ष में फैसला आ चुका है तो उस मामले में करदाता को विवादित कर पैनल्टी फीस का पचास फीसदी कर ही जमा करना होगा।
संयुक्त आयकर आयुक्त एनसी उपाध्याय ने कहा कि विभाग किसी भी ईमानदार करदाता को परेशान नहीं करेगा। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ गई। इससे कारोबारी परेशान रहे। केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी को भी हैरान परेशान नहीं करना है। सरकार चलाने के लिए राजस्व आवश्यक है लेकिन किसी का उत्पीड़न नहीं किया जाना है। इस मौके पर आयकर अधिकारी रमेश चंद्र नैनवाल, सुशील कुमार दीक्षित भी उपस्थित थे।