देहरादून/चमोली 4 मई, उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आजकल जबरदस्त बारिश हो रही है। सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले के नकोट में बादल फटने से कई लोगों के आवासीय भवनों में पानी घुस गया था। उत्तरकाशी जिले में भी चिन्यालीसौड़ के कुमराणा और बल्डोगी गांव में अतिवृष्टि होने से भारी नुकसान हुआ, उत्तरकाशी में तो गोशालाएं तक बह गई थी और कई मवेशियों के मारे जाने की भी सूचना है। आज मंगलवार चार मई को घाट बाजार के ठीक ऊपर बिनसर पहाड़ी के चिनाडोल नामक तोक में बादल फटने से भारी तबाही मची है। कई आवासीय मकान, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए हैं। पहाड़ी से भूस्खलन होने पर लोग पहले ही अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। एक व्यक्ति के अपने घर में फंसे होने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित निकाला। चमोली जिले के घाट में बादल फटने से घाट बजार में लोगों के घरों और दुकानों में मलबा घुस गया।कुछ प्रत्यक्षदर्शीयों ने बताया कि तेज बारिश के दौरान बिनसर पहाड़ी पर तेज बारिश के दौरान एक जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनाई दी, जिसके बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। क्षण भर में ही लोगों के घर मलबे में दब गए थे।
इसके साथ ही केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड में बर्फबारी का दौर जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी सात मई तक देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर आदि में भारी बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है। वहीं, पर्वतीय इलाकों में आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। इसके अलावा मैदानी इलाकों में 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
चमोली जिले के घाट में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जिलाधिकारी चमोली को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित ईलाज और बेघर हुए लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगो को हुए नुकसान का आंकलन करते हुए प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाए।