सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री जी
उत्तराखण्ड।
विषयः- कोरोना संक्रमण के बढते प्रकोप से अधिकारियों/कर्मचारियों के बचाव व सुरक्षा तथा गोल्डन कार्ड में व्याप्त खामियोें व अव्यवहारिकता से कार्मिकों/पेंशनर्स को हो रही कठिनाई को देखते हुये इसके अस्तित्व को लेकर सचिवालय संघ की खुली बैठक में लिये गये निर्णय की सूचना।
महोदय,
उपरोक्त विशय के सम्बन्ध में आज प्रातः सचिवालय परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के अन्तर्गत सचिवालय संघ की खुली बैठक आयोजित की गयी, जिसमें उपस्थित संघ के सभी पदाधिकारियों द्वारा दिये गये सुझाव/मन्तव्य के आधार पर सचिवालय संघ की कार्यकारिणी द्वारा वर्तमान कोरोना काल में राज्य सरकार को अपेक्षित सहयोग प्रदान करते हुये आम विशम परिस्थितियों में भी जनमानस के सेवार्थ सचिवालय स्तर से हर सम्भव सहायता/सहयोग किये जाने का सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया है। आज सम्पन्न महत्वपूर्ण खुली बैठक में निम्न सुझाव/निर्णय से सक्षम स्तर को संसूचित किये जाने का मत स्थिर किया गया:-
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप पर सुझाव
1. सचिवालय संघ द्वारा की गयी मांग के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा सरकारी कार्यस्थलों पर लागू 50 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति मात्र समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ श्रेणी हेतु की गयी है, जिसमें समूह ‘क’ व ‘ख’ श्रेणी के अधिकारियों को भी 50 प्रतिषत की सीमा तक सम्मिलित किया जाय तथा इस पर त्वरित रूप से आदेष संषोधित किये जाने हेतु सामान्य प्रषासन/सचिवालय प्रषासन विभाग को निर्देषित किया जाय।
2. सचिवालय परिसर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के प्रकोप को कम करने हेतु कोरोना पाजिटिव पाये जाने वाले अधिकारी/कार्मिक के कार्यालय कक्ष को 3 दिवस के लिये पूर्ण रूप से सील-बन्द करते हुये पर्याप्त सैनेटाईजेषन करने के उपरान्त ही सम्बन्धित कार्यालय कक्ष में अन्य कार्मिकों से शासकीय कार्य सम्पादित कराया जाय, ताकि कोरोना का संक्रमण अन्य सहयोगी कार्मिकों में न फैले।
3. सचिवालय में कार्यरत 35-40 अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके पारिवारिक सदस्यों के वर्तमान में कोरोना से संक्रमित होने तथा जनपद देहरादून में सरकारी/निजी चिकित्सालयों में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण बैड, परीक्षण, उपचार में हो रही असुविधा को देखते हुये सचिवालय में कार्यरत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं कोरोना संक्रमण में प्रभावी नियन्त्रण रखे जाने के लिए सचिवालय परिसर के भीतर कोरोना से सम्बन्धित सभी परीक्षणों, आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता, आवष्यक दवा एवं जीवन रक्षक इंजेक्षन की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में किये जाने की व्यवस्था के लिये 20-25 बैड के ‘‘सचिवालय कोविड सेन्टर’’ चिकित्सालय की अस्थायी तात्कालिक व्यवस्था आवष्यकतानुसार चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ आदि सहित करने की सचिवालय संघ की मुहिम को स्वीकार करते हुये सरकार की ओर से आवष्यक सहायता प्रदान कराये जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया जाय।
गोल्डन कार्ड की खामियाॅं
राज्य सरकार द्वारा सेवारत अधिकारियों/कार्मिकों/पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों के स्वास्थ्य सुविधा हेतु लागू की गयी गोल्डन कार्ड योजना में धरातल पर अत्यधिक खामियाॅं एवं नियम/शर्तें कार्मिक हितों के अनुरूप स्पष्ट न होने के कारण समस्त कार्मिक वर्ग इस योजना से वंचित तथा कठिनाई मे है। कई अधिकारी/कर्मचारी इस गोल्डन कार्ड की असमन्जस व्यवस्था के फलस्वरूप किसी भी चिकित्सालय में उपचार प्राप्त न होने की स्थिति में आकस्मिक रूप से मृत हो चुके हैं। गोल्डन कार्ड के सापेक्ष सभी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के अंशदान की कटौती जनवरी, 2021 से निरन्तर की जा रही है, लगभग प्रतिमाह रू0 15 करोड की धनराशि अंशदान से प्राप्त करने के उपरान्त भी बेहतर सुविधा/उपचार प्राप्त न हो पाने के कारण कार्मिकों/पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों के मनःमस्तिष्क में इस योजना के प्रति गहरा रोष है तथा इसके लिये पूर्ण रूप से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तरदायी है।
इस सम्बन्ध में बार-बार अनुरोध करने के उपरान्त अब तक विगत 3 माह का समय व्यतीत होने पर भी मात्र प्रतिमाह अंशदान की कटौती तो अनवरत की जा रही है, परन्तु स्वास्थ्य विभाग अथवा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के किसी भी उत्तरदायी अधिकारी द्वारा कार्मिकों/पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों की कोई सुध नही ली जा रही है। खानापूर्ति करते हुये दिनांक 20.02.2021 को अध्यक्ष, स्वास्थ्य प्राधिकरण की अध्यक्षता में आहुत कर्मचारी संगठनों की बैठक का कार्यवृत्त भेजते हुये कतिपय संषोधन शासन को सन्दर्भित कर दिये गये हैं तथा वर्तमान में सम्बन्धित पत्रावली शासन में कहीं किसी सक्षम अधिकारी की टेबल पर शायद धॅूल फाॅंक रही है।
गोल्डन कार्ड के परिप्रेक्ष्य में संघ द्वारा पारित निर्णय
आज की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि कार्मिकों के प्रति स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की लचर कार्यप्रणाली एवं उदासीन रवैये को देखते हुये एक बार सभी कार्मिकों की तरफ से मा0 मुख्यमंत्री का पुनः ध्यान आकृश्ट करते हुये गोल्डन कार्ड की कल्याणकारी योजना को कार्मिक संगठनों द्वारा दिये गये सुझाव के अनुरूप तत्काल दुरूस्त कराये जाने का अनुरोध करते हुये स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को इस कार्य हेतु 15 दिवस का समय दिया जाय। 15 दिवसों के भीतर गोल्डन कार्ड की सभी खामियों को अपेक्षाकृत रूप से ठीक कराया जाय तथा बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करायी जाय। इन समस्त खामियों के निवारण एवं धरातल पर गोल्डन कार्ड के प्रभावी होने तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को तात्कालिक रूप से लागू किया जाय, जिससे समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा दावों की प्रतिपूर्ति सम्भव हो सके।
चिकित्सा विभाग, उत्तराखण्ड षासन एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से आगामी 15 कार्य दिवसों में गोल्डन कार्ड की समस्त खामियों को कार्मिकों के स्वास्थ्य सुविधा हित में दूर न किये जाने तथा वर्तमान प्रास्थिति को ही यथावत बरकरार रखे जाने की स्थिति में सचिवालय से इसका विरोध प्रारम्भ करते हुये सचिवालय संघ द्वारा अपने संघ के सदस्यों के हित में षुरूआत करते हुये सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी सदस्यों एवं उनके आश्रितों के समस्त गोल्डन कार्ड एकत्र कर समेकित रूप से इन्हें मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालय में जमा करा दिया जायेगा तथा किसी भी दषा में मई माह के वेतन से सचिवालय सेवा के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के अंषदान की कोई कटौती नहीं होने दी जायेगी।
अतः सचिवालय संघ द्वारा उपरोक्तानुसार दिये गये सुझाव एवं गोल्डन कार्ड के सम्बन्ध में पारित निर्णय से संसूचित करते हुये महोदय से पुनः अनुरोध है कि सचिवालय संघ, सरकार का अभिन्न अंग है, महोदय द्वारा संघ के प्रति अपना सकारात्मक दृश्टिकोण रखा है, इसी के दृश्टिगत संघ द्वारा प्रस्तुत की गयी मांग/कठिनाईयों का समाधान तत्काल कराने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को सम्य्क आदेष प्रदान करने का कश्ट करें, ताकि कार्मिकों के हितों को सुरक्षित रखा जा सकें।
भवदीय,
(विमल जोशी) (दीपक जोशी)
महासचिव अध्यक्ष
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवष्यक कार्यवाही हेतु प्रेशितः-
1. मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन।
2. अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड षासन।
3. सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखण्ड शासन।
4. सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड शासन।