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आईजी अभिनव कुमार का रुख सख्त, दून पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं पुलिस के उच्च अधिकारी
देहरादून। भाजपा विधायक महेश नेगी से जुड़े बलात्कार के मामले की जांच आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने पौड़ी महिला थाना को ट्रांसफर कर दी है। साथ ही ब्लैकमेलिंग मामले में पीडिता के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर करने के देहरादून पुलिस के कदम को गंभीरता से लेते हुए आरोप पत्र वापस लेने के आदेश दिए हैं।
आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार के इस सख्त रुख के बाद इस हाईप्रोफाइल सेक्स प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। सूत्रों का कहना है कि सेक्स प्रकरण की अब तक जांच और दिशा से आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। वह अधीनस्थों को कड़ी फटकार भी लगा चुके हैं।
सोमवार की रात को देहरादून पुलिस के आरोप पत्र दाखित करने संबंधी समचार के फ्लैश होते ही पुलिस के बड़े और अनुभवी अधिकारियों ने इस निर्णय पर हैरानी जताई थी। देहरादून पुलिस के इस कदम से भविष्य में पड़ने वाले प्रभावों से सत्ता और उच्चाधिकारियों को ब्रीफ कर दिया गया था। विधायक महेश नेगी के पीड़िता के साथ लगभग आधा दर्जन स्थानों में रहने के पुख्ता प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी पीडिता के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के मुद्दे पर आरोप पत्र से बड़े अधिकारियों के कान खड़े हो गए। उच्च पदस्थ अधिकारियों का भी मानना है कि पीडिता की विधायक और पीड़िता की बच्ची की डीएनए जांच के बजाय दून पुलिस ब्लैकमेलिंग समेत अन्य मुद्दों पर विशेष फोकस रही है।
केस एक और जांच अधिकारी दो
पुलिस सूत्रों का यह भी मानना है कि एक ही केस की जांच सीओ अनुज कुमार और सब इंस्पेक्टर आशा पंचम के स्तर पर की जा रही है। जबकि, कानूनन मामले में जांच एक ही अधिकारी को करनी चाहिए।
दून पुलिस की भूमिका पर पहले की दिन से सवाल
बलात्कार और डीएनए जांच से जुड़े इस मामले में देहरादून पुलिस की भूमिका पर पहले ही दिन से सवाल उठ रहे थे। पीड़ित महिला की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। बाद में कोर्ट के आदेश पर 5 सितम्बर को विधायक महेश नेगी व पत्नी रीता नेगी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इधर, 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने भी विधायक को नोटिस जारी करते हुए देहरादून पुलिस को केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे।