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Thursday, November 21, 2024

हिमालयन इंस्टीट्यूट अध्यात्म, स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा का गढ़

देहरादून /डोईवालाः स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) संस्थापक डॉ.स्वामी राम जी का 25वां महासमाधि दिवस सादगी के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि जगदगुरु संन्यास आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी अभिषेक चैतन्य गिरी जी ने कहा कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय अध्यात्म, स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा का गढ़ है।
शुक्रवार को एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामीराम 25वें महासमाधि दिवस पर आयोजित समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी अभिषेक चैतन्य गिरी जी ने कहा कि ‘प्रेम, सेवा व स्मरण’ की मूल भावना के उद्देश्य से डॉ. स्वामी राम ने 1989 में हिमालयन इंस्टीट्यूट की स्थापना की। यह विश्वविद्यालय दुनिया के उन चुनिंदा संस्थानों में हैं, जहां एक छत के नीचे डॉक्टर, नर्सेज, इंजीनियर व मैनेजमेंट के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से राष्ट्र की उन्नति में सहयोग देने का आह्वान किया। एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि एसआरएचयू युवाओं को स्वरोजगार मॉडल की तरफ प्रोत्साहित कर रही है। उच्च शिक्षा वही कारगर है जो पलायन को रोके और युवाओं को उनके क्षेत्र में ही स्वरोजगार दे सके। इस दौरान एचआईएचटी के वार्षिक कैलेंडर-2021 का विमोचन भी किया गया। समारोह के आखिर में प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में मौजूद लोगों को प्रसाद वितरण किया गया। इससे पहले स्वामी राम सेंटर में ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन डॉ.स्वामी राम को श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान स्वामी राम साधक ग्राम के प्रमुख स्वामी ऋतवान भारती, विक्रम सिंह, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.सीएस नौटियाल, रजिस्ट्रार डॉ.विनीत महरोत्रा, डॉ.सुनील सैनी, डॉ.रेनू धस्माना, साधना मिश्रा, मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.ज्योति द्विवेदी ने किया।

 

पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2020
पाणी-राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती को पौड़ी जिले के उफरैंखाल क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस वर्ष के स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2020 से नवाजा गया है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें पांच लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
भारती को विभिन्न राज्य एवं राष्ट्रीय पुरुस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसमें उत्तराखंड ग्रीन अवार्ड (2011), महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार (2013) तथा इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार (2015) आदि प्रमुख हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इनके प्रयासों की सराहना ’नेशनल जियोग्रफिक’ द्वारा वर्ष 2011 में प्रकाशित पुस्तक ‘रिटन इन वाटर’ में की गई है। भारती को अमेरिका की ’इंटरनेश्नल अशोका फेलोशिप’ भी प्राप्त है।
पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती ने कहा कि विज्ञान व अध्यात्म के बल पर सामाजिक सेवा का उच्च उदाहरण स्वामी जी ने दिया। वह हमेशा से समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं और रहेंगे। उनके नाम से सम्मान पाना मेरे लिए लिए गर्व की बात है। समाज सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता और मजूबत होगी।

एसआरएचयू बेस्ट इंप्लवाई अवॉर्ड-2020
बेस्ट टीचर अवॉर्डः डॉ.तरुणा शर्मा
बेस्ट क्लीनिशियन अवॉर्ड: डॉ.शहबाज अहमद
बेस्ट पैरा-क्लीनिकल इंप्लाई अवॉर्डः डॉ.अरुण पाठक, शिजु देवाशैया, युद्धवीर सिंह, रजनी प्रसाद, सीमा के.चौधरी, टॉम एंटॉनी, खोरेन बारा, जेम्स रॉबर्ट मेसी, मनमोहन सिंह बिष्ट
बेस्ट नॉन क्लीनिकल इंप्लाई अवॉर्डः देवेंद्र प्रसाद, गौरव सिंह रावत, नरेश सिंह, दीपक सिंह, अजय सिंह, सुदेश रानी, नंदन सिंह, इंद्र सिंह सोलंकी
बेस्ट आरडीआई इंप्लाई अवॉर्ड: डॉ.वीरेंद्र दत्त सेमवाल, कमल नयन जोशी। इसके अलावा विरेंद्र सिंह और दिलीप सिंह को भी सम्मानित किया गया।

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