उत्तराखंड 23 मार्च, बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति अथवा बच्चों से करायी जा रही भिक्षावृत्ति की रोकथाम एवं उन्हें शिक्षा हेतु प्रेरित किये जाने हेतु डीजीपी उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने अभियान ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ एक मार्च से 30 अप्रेल तक चलाये जाने के लिए निर्देशित किया।
अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ Integrated Drive चलाकर प्रभावी Enforcement के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करना व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना है।
अभियान की थीम ’’भिक्षा नहीं, शिक्षा दें’’व “Educate a child” है।
जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में चार टीम एक सब इन्स्पेक्टर और 4 कांस्टेबल की टीम का गठन किया गया, जिसमें से 1 टीम एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की है। शेष जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा उक्त अभियान को चलाया जा रहा है। रेलवेज में भी एक टीम एक सब इन्स्पेक्टर और 4 कांस्टेबल का गठन किया गया।
अभियान को तीन चरणों प्रथम चरण एक मार्च से 15 मार्च, द्वितीय चरण 16 मार्च से 31 मार्च, तृतीय चरण दिनांक 1 अप्रैल से 30 अप्रैल चलाया जा रहा है।
अवगत कराना है कि अभियान का प्रथम चरण दिनांक 01.03.2021 से दिनांक 15.03.2021 तक चलाया गया। अभियान के प्रथम चरण में भिक्षा मांगने/कूड़ा बीनने/गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 1438 बच्चों का सत्यापन किया गया तथा सत्यापन किये गये 1438 बच्चोंमें से कुल 735 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किये जाने हेतु चिन्हिकरण किया गया।