देहरादून, 21 मार्च, थाना कोतवाली नगर को 14 मार्च को सूचना मिली कि राजपुर रोड पर स्थित एम्बेसडर होटल के कमरा नं0 321 में एक युवती का शव पडा हुआ है, उक्त सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए थाना कोतवाली नगर से पुलिस बल तथा एफएसएल की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। एफएसएल की टीम द्वारा घटना स्थल की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी करते हुए आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। घटना के अनावरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन तथा क्षेत्राधिकारी नगर के पर्यवेक्षण में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। इस घटना का अनावरण पुलिस के लिये एक चुनौती बन गया था, क्योंकि इस घटना में हत्या का कोई मोटिव स्पष्ट नहीं हो पा रहा था और न ही कोई सम्भावित या संदिग्ध व्यक्ति पर पुलिस का ध्यान आकृष्ट हो पा रहा था, ऐसे में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा स्वयं इस घटना का अनवारण करने में गठित टीमों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा प्रत्येक दिवस में की गयी एवं प्रत्येक अगले दिवस के लिये प्रत्येक टीम को अलग-अलग दिशा-निर्देश दिये गये। जिसके क्रम में एक टीम द्वारा मृतका की शिनाख्त हेतु होटल के आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की गयी तो मृतका उपरोक्त का एक ऑटो से उक्त होटल तक आना ज्ञात हुआ। जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त ऑटो चालक की तलाश कर उससे जानकारी की तो उसके द्वारा बताया गया कि मृतका उपरोक्त का नाम मुस्कान है तथा वह जावेद की बीवी है, जिस पर पुलिस टीम द्वारा जावेद को पूछताछ हेतु बुलाया गया तो उसके द्वारा मृतका से गलत काम करवाना स्वीकार करते हुए मृतका उपरोक्त का घटना के दिन सुनील नाम के व्यक्ति के साथ एम्बेसडर होटल में जाना बताया गया। घटना के समबन्ध में मृतका की बहन द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली नगर पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध हत्या का अभियोग मु0अ0सं0: 104/21 धारा: 302 भादवि पंजीकृत किया गया। घटना के अनावरण हेतु पुलिस टीम द्वारा घटना स्थल की तलाशी लेते हुए होटल के स्टाफ से मृतका के साथ रूके व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तथा उक्त व्यक्ति द्वारा कमरे की बुकिंग हेतु दी गयी आईडी प्राप्त की गयी तो उक्त आईडी सुनील कुमार पंत पुत्र गिरीश चन्द्र पंत निवासी: जसपुर ऊधमसिंह नगर के नाम पर होनी ज्ञात हुई। जिस पर एक टीम को तत्काल ऊधमसिंहनगर रवाना करते हुए सुनील कुमार पंत उपरोक्त को पूछताछ हेतु देहरादून लाया गया, जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह दिनांक: 10 मार्च को अपनी बाइक से जसपुर से ऋषिकेश एम्स में उपचार हेतु आया था तथा चण्डीपुल के आस-पास उसके द्वारा शराब का सेवन किया गया, जिसके पश्चात नशा अधिक होने के कारण उसका पर्स या तो कहीं गिर गया या किसी ने उसे निकाल लिया। उक्त पर्स मंे उसकी आईडी व अन्य दस्तावेज मौजूद थे, जिसकी गुमशुदगी उसके द्वारा दिनंाक: 11 मार्च को वापस जसपुर लौटने के बाद जसपुर थाने में दर्ज करायी गयी थी। उक्त सूचना के आधार पर एक टीम को तत्काल जनपद हरिद्वार रवाना किया गया, जिसके द्वारा चण्डीपुल व उसके आस-पास के क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का अवलोकन किया गया, परन्तु कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। इसी बीच पुलिस टीम को होटल के कमरे से एक पैन्ट बरामद हुई जिसमें हेम टेलर्स सेलाकुई का टैग लगा हुआ था, जिस पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल सेलाकुई जाकर उक्त टेलर से आवश्यक पूछताछ की गयी तो उसके द्वारा बताया गया कि दिनांक: 12 मार्च को एक व्यक्ति, जिसके द्वारा अपना नाम सुनील बताया गया, उसकी दुकान पर आया तथा उक्त व्यक्ति द्वारा उससे दो पैंट व एक शर्ट सिलवाने को दी तथा दिनाँक 13 मार्च को उक्त व्यक्ति सिलाये गये कपडे लेकर चला गया, जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त टेलर की दुकान के आस-पास के सीसीटीवी कैमरो की फुटेजों को चैक किया गया तो उक्त फुटेजों में एक सदिंग्ध व्यक्ति जाता हुआ दिखाई दिया, जिसका हुलिया होटल व आस-पास के सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त अभियुक्त के हुलिये से मिलता-जुलता प्रतीत हुआ। जिस पर पुलिस द्वारा अभियुक्त के आने के मार्ग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने हेतु उक्त मार्ग के फुटेज चैक किये गये तो उक्त अभियुक्त का दिनांक- 12 मार्च को सेलाकुई स्थित स्वागत गेस्ट हाउस में भी सुनील कुमार पंत की आईडी से रूकना ज्ञात हुआ। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे से अभियुक्त की साफ फोटो प्राप्त की गयी परन्तु पुलिस टीम को कोई खास सफलता प्राप्त नहीं हुई। इसी बीच अन्य टीमों द्वारा घटना के बाद अभियुक्त के होटल से निकलकर भागने के मार्ग फुटेज चैक किये गये तो अभियुक्त घटना के बाद पैदल-पैदल घंटाघर से प्रिंस चैक होते हुए रेलवे स्टेशन तक तथा वहां से टैम्पो के माध्यम से आईएसबीटी तक जाता हुआ दिखाई दिया। आईएसबीटी पर लगे कैमरों की फुटेज चैक करने पर अभियुक्त के हुलिये से मिलता-जुलता एक व्यक्ति हिमांचल रोडवेज की बस में बैठकर जाता हुआ दिखाई दिया, जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त वाहन की जानकारी हेतु लच्छीवाला स्थित टोल प्लाजा से उस दिन गुजरने वाली हिमाचल रोडवेज की सभी बसों के नम्बर प्राप्त किये गये तथा उनके चालक व परिचालकों को फुटेज से प्राप्त अभियुक्त का फोटो दिखाते हुए उसके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो एक बस के परिचालक द्वारा बताया गया कि उक्त हुलिये से मिलता-जुलता व्यक्ति उनकी बस से हरिद्वार में उतरा था। जिस पर तत्काल अलग-अलग टीमें गठित करते हुए उन्हें ऋषिकेश व हरिद्वार रवाना किया गया तथा अभियुक्त के हुलिये से मुखबिर तंत्र को अवगत कराते हुए उन्हें सक्रिय किया गया। अभियुक्त की तलाश के दौरान ऋषिकेश में पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त हुलिया एक व्यक्ति विजय उर्फ बिट्टू सिंह रावत पुत्र पृथ्वी सिह निवासी: ग्रा0 गेरूड, थाना थराली जिला चमोली के हुलिये से मिलता जुलता है, जिसके विरूद्ध पूर्व में थाना ऋषिकेश, रानीपोखरी तथा कोटद्वार में चोरी व ठगी के अभियोग पंजीकृत हैं। अभियुक्त की तलाश हेतु हरिद्वार गयी टीम द्वारा आईएसबीटी हरिद्वार व अन्य सम्भावित स्थानों के सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये तो पुलिस टीम को अभियुक्त ऋषिकुल बस अड्डे से अलीगढ की बस में सवार होकर जाता दिखाई दिया, टीम द्वारा उक्त बस के परिचालक से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की तो टीम को ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति मथुरा स्टेशन पर उतर गया था। जिस पर एक टीम को तत्काल मथुरा रवाना किया गया। मथुरा पहुंचकर अभियुक्त के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर स्थानीय सूत्रों के माध्यम से टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त अभियुक्त दिनाँक 14/15 मार्च को हरिद्वार से मथुरा आया था, जो सम्भवत: किसी अन्य घटना को अजांम देने के लिये वापस हरिद्वार चला गया है। इस बीच पुलिस टीम को अभियुक्त के कुछ सम्भावित नम्बरो के सम्बन्ध में जानकरी प्राप्त हुई, जिसकी लोकेशन हरिद्वार से टिहरी के रास्ते चमोली जाने वाले मार्ग में होना ज्ञात हुआ। जिस पर तत्काल चमोली व श्रीनगर पुलिस से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें मुकदमा उपरोक्त में वांछित अभियुक्त के हुलिये से अवगत कराया गया तथा अभियुक्त की फोटो व्हाट्सअप के माध्यम से भेजी गयी तथा हरिद्वार से आने वाली बसों की चैकिंग करने हेतु बताया गया व अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु उसके जाने वाले रास्ते पर पुलिस टीम को भी रवाना किया गया । इसी बीच श्रीनगर पुलिस के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि देहरादून पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गये फोटो के हुलिये के व्यक्ति को दौराने चैकिंग पकडा गया है। जिसकी फोटो मंगाने पर तस्दीक किया गया कि यह व्यक्ति ही वांछित अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू सिंह रावत, पुत्र पृथ्वी सिंह ग्राम गेरूड, थराली जनपद चमोली, उम्र 24 वर्ष है, इस पर तत्काल टीम द्वारा श्रीनगर पहुंचकर अभियुक्त उपरोक्त को मुकदमा उपरोक्त में हिरासत पुलिस लेते हुए देहरादून लाया गया, जिसे आज न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा घटना के अनावरण हेतु पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रयासों की नियमित रूप से की गयी समीक्षा व दिये गये दिशा-निर्देशों के फलस्वरूप ही देहरादून पुलिस इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में कामयाब रही।
पूछताछ के दौरान अभियुक्त द्वारा बताया गया कि, यह दसवीं पास है तथा नौकरी न लगने के कारण अपने खर्चों की पूर्ति के लिये चोरी व ठगी की घटनाओं को अजांम देता है। पूर्व में इसके द्वारा 2019 में कोटद्वार व ऋषिकेश में स्कूटी व मोबाइल चोरी की घटना की गयी थी, जिसमें इसे ऋषिकेश पुलिस द्वारा जुलाई 2019 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था तथा उसके पश्चात यह लगभग 8 माह सुद्धोवाला जेल में रहा। जहां से सजा पूरी करने के पश्चात कोटद्वार में पंजीकृत अभियोग में पौडी जेल चला गया था, वहां भी सजा पूरी होने के पश्चात लाॅकडाउन के दौरान पैदल-पैदल श्रीनगर पहुंचा वहां पर इसने एक वैडिंग प्वांइट में खाना बनाने का कार्य किया तथा अपने मालिक विश्वास जीत लिया था, जिस पर मौका पाकर वहां से मालिक के रूपये चुराकर फरार हो गया, इसके पश्चात कुछ समय के लिये यह ऋषिकेश में रहा तथा पैसा खत्म होने के बाद यह वहां से किसी तरह अल्मोडा पहुंचा वहां भी किसी दुकान में 10 से 15 दिन काम करने बाद यह अपने एक परिचित की बाइक व पैसे लेकर वहां से भागकर देहरादून आ गया। उक्त मोटर साइकिल को चैकिंग के दौरान पुलिस द्वारा सीज किया गया था। जिसके पश्चात पकडे जाने के डर से यह देहरादून से भागकर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार में इसने एक होटल में रूम सर्विस का कार्य किया तथा वहां दो-तीन दिन काम करने के बाद मौका देखकर यह होटल के गल्ले से लगभग 40 हजार रूपये व एक मोबाइल चोरी कर लिया जिसके बाद यह वहां से भागकर देहरादून सेलाकुई आ गया तथा वहां एक गेस्ट हाउस में रूक गया। गेस्ट हाउस में इसके द्वारा सुनील कुमार पंत की आईडी दी गयी थी, जो इसने हरिद्वार में एक व्यक्ति की जेब से चुराये गये पर्स से प्राप्त हुई थी। दो दिन सेलाकुई में रूकने के बाद इसका मुस्कान नाम की महिला से हुआ, जिसके साथ यह 13 मार्च की रात्रि को देहरादून के एम्बेसडर होटल में रूका। रात्रि में वह महिला शराब पीने के बाद इससे स्मैक मांगने लगी, इसके पास स्मैक न होने की बात कहने पर वह इस पर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। इसने काफी देर तक उसे शान्त करने का प्रयास किया पर वह नही मानी, जिस पर गुस्से में आकर इसने उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद यह वहां से भागने की फिराक में था, परन्तु होटल में लोगों की आवाजाही अधिक होने के कारण यह कुछ समय के लिये वहीं रूक गया तथा रात्रि में मौका देखकर यह वहां से बाहर आ गया तथा पैदल-पैदल रेलवे स्टेशन तक पहुंचा वहां से यह टैम्पो पकडकर आईएसबीटी आया तथा आईएसबीटी से हिमाचल रोडवेज की बस पकड कर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार से यह अलीगढ की बस पकडकर मथुरा पहुंचा तथा दो-तीन दिन वहां रूकने के बाद यह अपने घर चमोली जा रहा था तभी श्रीनगर के पास पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान इसे गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्त द्वारा बताया गया कि अपराध करने के उक्त सभी तरीके इसने सजा काट रहे अन्य अपराधियों से सीखे थे।
अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू बेहद शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके द्वारा हरिद्वार, कोटद्वार, अल्मोडा तथा अन्य स्थानों पर चोरी व ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अभियुक्त बेहद शातिर तरीके से पहले किसी होटल में रूम सर्विस का काम करता है तथा फिर मालिक को अपने विश्वास में लेकर मौका लगते ही वहां से चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है। चोरी में प्राप्त आईडी का इस्तेमाल अभियुक्त किसी स्थान पर रूकने के लिये करता था, अभियुक्त द्वारा अपना कोई ऐसा पहचान पत्र अथवा आईडी नहीं बनाया गया था, जिससे कि किसी घटना को करने के बाद पुलिस उस तक पहुंच सके। अन्य व्यक्तियों से सम्पर्क करने के लिये भी अभियुक्त चोरी के नम्बरों का ही इस्तेमाल किया करता था तथा किसी भी मोबाइल व आईडी को एक बार इस्तेमाल करने के पश्चात फेंक दिया करता था।
आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस पर तीन मुक़दमे जनपद देहरादून और एक मुकदमा कोटद्वार, जनपद पौड़ी गढवाल में दर्ज है।
घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा रू0 2500/- के पुरूस्कार से पुरूस्कृत करने की घोषणा की गयी।