देन्ह्राडून/ नईदिल्ली 8 मार्च, उत्तराखंड में में पिछले कुछ दिनों से सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी और विधानमंडल दल में बगावत जैसा संकट गहरा गया है। मंत्री और विधायक लम्बे समय से आरोप लगा रहे हैं कि अफसरशाही जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनती और विधायकों को भी सम्मान नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के अलावा विधायक केंद्रीय नेतृत्व को दिल्ली जाकर कई बार अपना दुखड़ा बता चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
जब सुनवाई नहीं हुई तो असंतुष्ट मंत्रियों और विधायकों ने परेशान होकर मई या जून माह में सामूहिक रूप से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने की योजना बनाई तो केंद्रीय हाई कमान सोचने के लिए मजबूर हो गया। इस तूफ़ान को थामने के लिए अचानक कोर कमेटी की बैठक बुलाकर पर्यवेक्षक के रूप में रमन सिंह और दुष्यंत गौतम को तुरंत उत्तराखंड भेजा गया। खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री को लेकर चुनाव में जाने पर पार्टी को भारी नुक़सान की आशंका रिपोर्ट में जताई गयी है और विधायकों में नाराज़गी की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी है।
अब उत्तराखंड बीजेपी का सियासी संकट नया मोड़ लेता दिख रहा है। संसद भवन में अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के केंद्रीय पर्यवेक्षक दुष्यंत गौतम से मुलाकात की। इस बीच पार्टी महासचिव बीएल संतोष भी बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। दरअसल सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार की शाम नई दिल्ली में बीजेपी नेता अनिल बलूनी के घर पहुंचे थे। वहां पर उत्तराखंड के सीएम ने मीडिया की तरफ से पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
एक तरफ जहां राज्य के मुख्मयंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजधानी दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड बीजेपी विधायक दल की बैठक मंगलवार को देहरादून में होने जा रही है। राज्य के सभी बीजेपी विधायकों को कल देहरादून में रहने के लिए कहा गया है।
राजनीतिक हलचल के बारे कोई भी कुछ कहने बच रहा है सभी वरिष्ठ नेतागण सबकुछ सामान्य बता रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है अगर परिवर्तन होता है तो त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह कौन ? सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया जाता है तो ऐसे में नए सीएम की रेस में डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, डॉ धन सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है।