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Saturday, December 20, 2025


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हर्षिल घाटी में आपदा के बाद न्यूनतम समय में बहाल की बिजली आपूर्ति

देहरादून। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल घाटी में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के कारण विद्युत तंत्र पूरी तरह ठप हो गया था। लगातार भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से पोल, तार, ट्रांसफार्मर और उपसंस्थानों को गंभीर क्षति पहुँची तथा सड़क मार्ग बाधित होने से राहत सामग्री और उपकरण पहुँचाना एक बड़ी चुनौती बन गया। इस विकट परिस्थिति में उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने त्वरित और सुनियोजित कार्रवाई करते हुए अल्प समय में विद्युत आपूर्ति बहाल कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह कार्य दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 125 केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट को देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। इसके साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण भी हवाई मार्ग से भेजे गए। इस प्रक्रिया में हेलीकॉप्टर से भारी सामग्री की ढुलाई की गई, जिसके लिए सेना और प्रशासन के साथ समन्वय/तालमेल रखा गया। उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की 10 सदस्य दलों की टीम को भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से विद्युत सामग्री के साथ  हर्षिल घाटी तक पहुँचाया गया। दूसरे चरण में उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के इंजीनियरों और लाइनमैनों ने हाई अलर्ट मोड में मौके पर दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तारों को बदला, नई सर्विस लाइनों को जोड़ा और डीजी सेट के माध्यम से अस्थायी आपूर्ति शुरू की। इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा तथा माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को भी जोड़ा गया, जिससे घाटी में स्थिर और सतत बिजली उपलब्ध कराई जा सकी। बता दें कि माइक्रो हाइड्रो ग्रिड से 25 किलो वॉट का ऊर्जा उत्पादन हो रहा है जिससे माँ गंगा जी के शीतकालीन स्थल मुखवा गाँव में विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया में जटिल मौसम, लगातार वर्षा, ठंड और ऊंचाई पर काम करने जैसी चुनौतियों को पार किया गया। हेलीकॉप्टर से भारी उपकरण और सामग्री ले जाना तकनीकी और लॉजिस्टिक दृष्टि से जटिल था, लेकिन उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड टीम ने इसे सफलतापूर्वक सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया। स्थानीय प्रशासन, सेना और जनता के सहयोग से आपातकालीन पावर बैकअप तुरंत उपलब्ध कराया गया।

उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि “हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम ने त्वरित कार्य कर इसे संभव कर दिखाया। एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-ऑल्टिट्यूड फील्ड वर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से यह उपलब्धि हासिल हुई है।” उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस सफलता को जन सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में देखता है और आपदा जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति प्रदान करने हेतु हम कटिबद्ध है।

 

 

 

 

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