- प्रदेश के कार्मिकों एवं पेन्शनर्स के लिए लागू की गई गोल्डन कार्ड योजना में आ रहीं खामियों को दूर करने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ बैठक मे दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
देहरादून 21 फरवरी, प्रदेश के कार्मिकों एवं पेन्शनर्स के लिए लागू की गई गोल्डन कार्ड योजना में आ रहीं खामियों के निराकरण हेतु विचार विमर्श के सम्बंध में आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में बुलायी गयी संघों की बैठक में सचिवालय संघ द्वारा प्रतिभाग किया गया, संघ की ओर से स्पष्ट रूप से कार्मिकों से लिए जा रहे अंशदान से चलाई जा रहीं इस योजना को कार्मिकों के स्वास्थ्य लाभ हेतु ही पूर्ण रूप से अमल मे लाते हुए इस योजना को अटल आयुष्मान योजना से पृथक कर SGHS योजना के दायरे में ही इसे क्रियान्वित किए जाने का प्रभावी पक्ष अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समक्ष रखा गया। राज्य के कार्मिकों एवं pensioners के अंशदान से संचालित एवं क्रियान्वित हो रहीं इस योजना को बेहतर करते हुए कार्मिकों के अंशदान को कार्मिकों एवं उनके आश्रितों पर ही उपयोग करने का स्पष्ट मांग रखते हुए गोल्डन कार्ड हेतु बड़े प्रतिष्ठित चिकित्सालयों को पूर्ण रूप से चिन्हित किए जाने हेतु अलग से MOU किए जाने तथा सम्बन्धित चिकित्सालयों को अच्छे पैकेज पर अनुबंधित किए जाने, अच्छा इलाज मुहैया न करायें जाने की सूरत में सम्बंधित चिन्हित चिकित्सालयों के विरुद्ध कार्यवाही अमल मे लाए जाने की बात रखी गयी। opd को पूर्ण रूप से cashless सुविधा से आच्छादित करने की मांग रखी गई, प्रथम चरण में
OPD के सभी opd diagnos को cashless किए जाने का पुरजोर पक्ष रखा गया। सेवानिवृत्त कार्मिकों से अंशदान सेवारत कार्मिकों से आधा रखे जाने तथा nps योजना के सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों से सेवानिवृत्त उपरान्त कोई अंशदान न लिए जाने के साथ साथ निगम कार्मिकों एवं आउटसोर्सिंग कार्मिकों को भी इस योजना से लाभान्वित करने की मांग रखी गयी तथा साथ ही परिवार के आश्रित की श्रेणी में 25 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त करते हुए आश्रित न होने की वास्तविक स्थिति तक परिवार के आश्रित माने जाने का प्राविधान रखने का प्रबल बात रखी गयी। इसके अतिरिक्त सास ससुर के किसी सेवा में न होने की स्थिति में पुत्र के जीवित न रहने की स्थिति में पुत्रवधू पर भी आश्रित होने का प्राविधान रखने, पुत्री के विवाहित होने पर भी माता पिता के कोई पुत्र न होने पर पुत्री पर आश्रित होने का clause रखे जाने का मंतव्य दिया गया, नेत्र एवं दांत के उपचार हेतु विशिष्ट चिकित्सालय को चिन्हित किए जाने का सुझाव दिया गया। बैठक में लंबी चर्चा के उपरान्त 1 माह का समय सारी खामियों को दुरुस्त करने हेतु तय किए जाने का निर्णय अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लिया गया, इस पर उपस्थित प्रदेश के सभी संघों के साथ सचिवालय संघ द्वारा धन्यवाद के साथ बैठक संपन्न की गई, संघ की ओर से अध्यक्ष के अतिरिक्त महासचिव विमल जोशी द्वारा प्रतिभाग किया गया।