- चमोली में हुई घटना के बाद धारी देवी मंदिर को भी करवाया गया खाली। प्रशासन ने धारी देवी मंदिर को भी किया खाली।
- हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी, नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश
- ऋषिकेश में एलर्ट, राफ्टिंग पर रोक लगाई गई।
- सीएम जोशीमठ हुए रवाना अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील
देहरादून। चमोली जिले के जोशीमठ के पास रैणी में ग्लेशियर फटने से पहले ऋषि गंगा और फिर धौली गंगा पर बनी जलविद्युत परियोजनाओं का बैराज टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गई है। हादसे के वक्त दोनों परियाजनों में कई मजदूर काम रहेे थे, जिनमें से कई लापता बताए जा रहे हैं।
धौलीगंगा नदी से होते हुए नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग में नदियों के किनारे होटलों और घाटों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। पानी का सैलाब बहुत तेज है, इस आशंका से नदी के आसपास के इलाकों को खाली कराया जा रहा है।चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। पुलिस चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई है। ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है।
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम किया जा रहा है ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो। श्रीनगर पुलिस ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील कर रही हैं। साथ ही नदी में काम करने वाले मजदूरों को भी हटा दिया गया है।
चमोली के जिला प्रशसान के अनुसार ग्लेशियर फटने से काफी नुकसान की सूचना आ रही है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही चमोली जिले के सभी अधिकारियों की आपात बैठक बुला सकते हैं।मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
प्रशासन की अपील- आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुँची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, ज़िस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
अपर जिलाधिकारी टिहरी, शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है।