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Thursday, September 19, 2024

राज्यपाल: ऊर्जा सरंक्षण के अभियान को गोष्ठियों तक सीमित नही रखा जाना चाहिये

  • स्कूलों तथा महाविद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों में ऊर्जा सरंक्षण के अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिये
  • राज्यपाल ने प्रदेश की जनता से अपील की कि सप्ताह में कम से कम एक दिन आने जाने के लिए साईकिल का प्रयोग करें।

देहरादून,  राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को राजभवन सभागार में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ एवं तेल कंपनियों द्वारा आयोजित तेल एवं गैस सरंक्षण अभियान ‘‘सक्षम-2021’’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। यह संरक्षण अभियान पूरे देश में 16 जनवरी से 15 फरवरी तक चलाया जायेगा। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े 300 से अधिक प्रतिभागियों को पेट्रोलियम पदार्थों के सरंक्षण तथा इनके व्यर्थ उपयोग को रोकने के लिए अन्य लोगों को जागरूक करने की शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति एव विकास में पेट्रोलियम पदार्थो की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश को अपनी कुल आवश्यकता का 85 प्रतिशत पेट्रोलियम विदेशों से आयात करना पड़ता है। आयात पर निर्भरता कम करने के लिये पेट्रोलियम पदार्थो का संरक्षण अति आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि नवीनीकृत ऊर्जा के साधनों सौर, पवन जल ऊर्जा आदि के प्रयोग को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। हरित ऊर्जा के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन जैसे समस्याओं के समाधान में भी मदद मिलेगी। सभी लोगों, उद्योग संगठनों तथा सरकारे सामूहिक जिम्मेदारी उठाते हुये वैकल्पिक हरित ऊर्जा अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिये। घरों, कार्यालयों तथा उद्योगों में जहाँ सम्भव हो सके वहाँ सौर ऊर्जा का प्रयोग प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। सार्वजनिक परिवहन के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों तथा हरित ऊर्जा के अन्य साधनों का प्रयोग किया जाना चाहिये।

राज्यपाल ने प्रदेश की जनता से अपील की कि सप्ताह में कम से कम एक दिन आने जाने के लिए साईकिल का प्रयोग करें। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि ऊर्जा सरंक्षण के अभियान को गोष्ठियों तक सीमित नही रखा जाना चाहिये। स्कूलों तथा महाविद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों में ऊर्जा सरंक्षण के अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिये। परम्परागत कृषि प्रणाली तथा ऊर्जा संरक्षण की पद्धतियों को संरक्षित तथा प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
इस अवसर पर तेल उद्योग उत्तराखण्ड के राज्य स्तरीय समन्वयक नीरज कंसल ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अभियान को सफल बनाना सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है। हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये।
इस अवसर पर अपर सचिव सुशील कुमार, विभिन्न तेल कंपनियों के प्रतिनिधि, तेल व्यवसायी, डीलर तथा जूम के माध्यम से 300 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित थे।

 

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