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Wednesday, September 10, 2025
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उत्तराखंड की मशरूम लेडी दिव्या रावत और उसका भाई जालसाजी केस में पुणे में गिरफ्तार

मशरूम गर्ल दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत दोनों के खिलाफ पुणे ग्रामीण के पौंड थाने में एक कारोबारी ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमे जांच होने पर पता चला कि दिव्या रावत ने कारोबारी को फंसाने के लिए एक झूठा मुकदमा देहरादून में दर्ज कराया था।

पुणे स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 को पूर्ण ग्रामीण के भाना पौड में दिच्या रावत और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी गांग में पता चला कि दिव्या रावत ने कारोबारी फंसाने के लिए एक झूठा मुकदमा देहरादून में दर्ज कराया था। इसके लिए रावत ने एक फर्जी शपथपत्र मेरठ में बनवाया। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पुर्ण ग्रामीण कोर्ट ने दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि पुणे पुलिस दिव्या और उसके भाई को देहरादून भी लेकर जा सकती है।

दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से जानी जाती है। वह अपने भाई राजपाल रावत के साथ मिलकर सौम्या फूड नाम से कंपनी संचालित करती है। पुणे स्थित परामर्श फर्म के मालिक जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने 27 दिसंबर 2022 की पुणे ग्रामीण के थाना पौड दिव्या रावत और उसके भाई के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया था।

जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा का कहना था कि वह 2019 में अपनी फर्म के लिए कोई काम देख रहे थे। इस दौरान उनका संपर्क उत्तराखंड की दिव्या रावत से हुआ। दिव्या रावत ने कहा था कि वह अपने भाई राजपाल के साथ मिलकर कॉर्डिसेस फिटनेस के नाम से एक प्रोडक्ट शुरू करने जा रही है। जिसके लिए वह एक शोरूम भी बनाना चाहती है। जिसके लिए जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा ने हां कर दी और महाराष्ट्र से कारीगर बुलाकर काम शुरू भी करा दिया था।

जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा का सभी काम में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ। जिसका बिल उन्होंने दिव्या को भेजा तो उन्होंने केवल 57 लाख रुपये ही देने के लिए कहा। बाद में जब रावत से पैसा मांगा तो वह गाली-गलौज और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी। सितंबर 2022 में पता चला कि दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज कराया था। जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने उनके साथ 77 लाख रुपये की ठगी की। पौड पुलिस ने अपने मुकदमे में जब जांच शुरू की तो पता चला कि दिव्या रावत ने जो जितेंद्र नंदकिशोर भाखड़ा के नाम से शपथपत्र बनवाया गया था वह मेरठ से झूठा बनवाया था।

इस पूरे प्रकरण में दिव्या रावत और उनके भाई राजपाल रावत के खिलाफ जालसाजी की धाराएं भी जोड़ी गई। पौड़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज यादव द्वारा बताया गया कि दिव्या रावत और राजपाल रावत को गत नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया है और दोनों को दो दिन तक की पुलिस कस्टडी में भी लिया गया है।

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