11.2 C
Dehradun
Saturday, December 21, 2024

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया पंचायतीराज संस्थाओं के लिए सम्पर्क और परिचय कार्यक्रम का शुभारंभ 

  • मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअली किया प्रतिभाग, और कहा; लोकतंत्र की मजबूती में पंचायतों का रहा विशेष योगदान

देहरादून। संसदीय लोकतंत्र प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) लोकसभा सचिवालय और पंचायती राज विभाग की ओर से शुक्रवार को दून स्थित एक होटल में उत्तराखंड की पंचायतीराज संस्थाओं हेतु संपर्क और परिचय कार्यक्रम के तहत ‘‘पंचायतीराज व्यवस्था विकेन्द्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र मजबूत भी है और सशक्त भी है। इसको और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। आजादी के बाद से भारत में अभी तक 17 लोकसभा एवं 300 से अधिक विधानसभा के चुनाव हुए हैं। लोकतंत्र के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा तथा लगातार लोगों का मतदान के प्रति रूझान बढ़ा है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र पंचायत से संसद तक मजबूत हो, इसके लिए पंचायतीराज व्यवस्था के अंतर्गत भी संवैधानिक प्राविधान किये गए ताकि गांवों में चुनी हुई सरकार को संवैधानिक अधिकार मिलें। 73वें संविधान संशोधन में माध्यम से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सीमांत क्षेत्र है। राज्य के अनेक जिले अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे हैं। उत्तराखंड से सबसे अधिक जवान सीमाओं पर डटकर देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम, क्षेत्र एवं जिला पंचायतों का सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। सर्वांगीण विकास के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का समान विकास हो, इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया के मजबूत लोकतंत्र के रूप में खड़ा है। इस मजबूती के लिए पंचायतों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गांवों के विकास के बगैर शहरों का विकास नहीं हो सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए विकास का मॉडल भ्रष्टाचार मुक्त होना जरूरी है। ग्रामीण विकास के लिए स्थानीय उत्पादों, कच्चे माल एवं प्राकृतिक संसाधनों को सदुपयोग होना जरूरी है। उत्तराखण्ड में लगभग 16 हजार गांव हैं। उनकी आजीविका में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था देश में प्राचीन समय से चली आ रही है। महात्मा गांधी के दर्शन भी पंचायतों से जुड़े हुए हैं। त्रिस्तरीय पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र सशक्तीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। पंचायतीराज व्यवस्था को ब्रिटिशकाल में महत्वहीन कर दिया गया था। लेकिन, बाद में अनेक संशोधनों से इस व्यवस्था को मजबूती दी गई। 2004 में अलग से केन्द्रीय मंत्रालय बनाया गया।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि कोविड-19 के दौरान छोटी सरकार के जन प्रतिनिधियों ने जनता की सेवा करने का सराहनीय कार्य किया।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह, टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!