उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसे को 72 घंटे से ज्यादा वक्त बीत गया है लेकिन अब तक बचाव एजेंसियों को सफलता हाथ नहीं लगी है। मौके पर लाई गई ऑगर मशीन से बड़ी उम्मीद थी लेकिन बीती रात ऑगर मशीन भी जवाब दे गई जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन थम सा गया है। उधर रेस्क्यू में देरी से मजदूरों और उनके परिजनों का धैर्य भी जवाब दे गया। बुधवार को मजदूरों ने सिलक्यारा में जोरदार प्रदर्शन किया और बचाव टीमों पर रेस्क्यू में देरी का आरोप लगाया। फिलहाल अब एयरफोर्स के जरिए दिल्ली से हैवी ड्रिलिंग मशीन चिवन्यालीसौड़ लाई गई है।
रविवार सुबह सिलक्यारा में नेशनल हाइवे की निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन हो गया था जिसमें 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्कयू में देरी और बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए सुरंग के बाहर आक्रोशित मजदूर प्रदर्शन कर रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि बैकअप में दूसरी मशीन तैयार रखनी चाहिए थी। करीब दो घंटे तक मजदूरों का प्रदर्शन चलता रहा। मजदूरों ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की की और बैरिकेट भी हटा दिए। प्रशासन श्रमिकों को समझाने में जुटा रहा। कंपनी से जुड़े कई अधिकारी मजदूरों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन वार्ता विफल रही।
मजदूरों का कहना है कि उनके साथियों की जान खतरे में है. ऐसे में जितनी जल्दी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करके उनके साथियों को टनल से बाहर निकाल लिया जाए, उतना ही अच्छा होगा।
टनल रेस्क्यू की क्लोज मॉनिटरिंग के बाद PMO ने बड़ा फ़ैसला लिया है। टनल में फँसे लोगो को निकालने के लिए भारतीय सेना की मदद ली जा रही है। ऑगर मशीन फेल होने के बाद अब सेना की हेवी मशीन ड्रिलिंग करेगी। वायुसेना का मालवाहक हरक्यूलिस मशीन लेकर चिन्यालीसौड हवाई पट्टी पहुंचा जहां से इसे सिलक्यारा ले जाया जाएगा।
राहत एवं बचाब कार्य की कमान संभाल रहे कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए अमेरिका में निर्मित नई ऑगर मशीन मंगवाई जा रही है। जो ज्यादा तेजी से काम करेगी। बताया कि अब इस पूरे राहत एवं बचाव कार्य में मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी सक्रिय हो गयी है।
मंगलवार को रेस्क्यू के लिए ऑगर मशीन मंगाई गई थी, ताकि पैसेज बनाकर मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकाला जाए। लेकिन रात को जैसे ही ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू हुई मलबा गिरने के कारण ये बंद हो गई। तमाम कोशिशों के बाद भी ये मशीन दोबारा शुरू नहीं हो सकी। अब एयरफोर्स की मदद से हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाने की कार्रवाई चल रही है।