गृह मंत्रालय (एमएचए) के दोनों नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहे हैं और हर संभव मदद दी जा रही है।
सिक्किम में प्राकृतिक आपदा की वजह से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इस आपदा से करीब 20 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। उधर, 102 लोग अभी तक लापता है। लापता लोगों में 22 सैन्यकर्मी भी हैं। गृह मंत्रालय और स्थानीय सरकार स्थिति से निपटने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है।
सिक्किम के मंगन जिले की लोनाक झील के कुछ हिस्सों में ग्लेशियल लेक फटने आउटबर्स्ट फ्लड के कारण तीस्ता नदी के निचले हिस्से में बहुत तेजी से जल स्तर में वृद्धि हुई थी। इससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में बड़ा नुकसान पहुंचा है।
कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बादल फटने के बाद तीस्ता नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया, जिससे कई नदी के आसपास के इलाकों में बाढ़ आ गई है।उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर सबसे पहले बादल फटा। यहां अचानक बादल फटने से जिससे तीस्ता नदी का जल स्तर बढ़ गया। नदी के पास कई सैन्य प्रतिष्ठान है। इनके डूबने की भी खबर हैं।
पहले बाढ़ फिर बांध से छोड़ा पानी
बाढ़ के बाद चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से नीचे के इलाकों में भी 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इसके चलते सिंगथम के पास बारदांग में खड़े सेना के कई वाहन डूब गए। सिंगथम फुटब्रिज भी ढह गया।
उधर, सरकार लगातार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम उपाय कर रही है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बुधवार को बैठक की और सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की।