25.2 C
Dehradun
Sunday, July 6, 2025

उत्तराखंड में यहा खुला पॉलीथान कचरा बैंक, सफाई के साथ साथ कमाई का भी जरिया बनेगा

उत्तराखंड में देश का पहला प्लास्टिक कचरा बैंक खुला है। देहरादून कैंट बोर्ड द्वारा स्थापित कचरा बैंक का शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उद्घाटन किया। यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा। इसके अलावा इस बैंक से पॉलीथीन एकत्र करके उससे, टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाने के लिए भेजा जाएगा।

 

शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए गढ़ी व प्रेमनगर में पालीथीन कचरा बैंक की स्थापना की है, जो कि सराहनीय है। इन संग्रहण केंद्रों में पॉलीथीन, बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड, पॉलिथीन बैग, केक, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, कुरकुरे, दूध, तेल, शैम्पू, हैंडवाश तरल साबुन, चिप्स / वेफर्स, कैंडीज, गद्दे, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, आइसक्रीम दही, छाछ, जूस आदि की पन्नी तथा कँडीज, नूडल्स, अनाज / कॉर्नफ्लेक्स / नाश्ता अनाज के साथ लेपित चीनी, मिष्ठान्न आदि तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे। बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म व प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पालीथिन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह शुरू कर दिया जाएगा।

 

डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पालीथिन कचरा खरीदने का लक्ष्य है। जिसका मतलब है कि प्रतिदिन 2300 से 3300 किलो पालीथिन कचरा कैंट क्षेत्र व शहर से एकत्र होगा। जिससे टाइल, बोर्ड सहित कई उपयोगी उत्पाद तैयार किये जाएंगे। पालीथिन कचरा बैंक में आम लोग पालीथिन कचरा बेच सकते हैं। उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा। डॉ अग्रवाल ने छावनी परिषद द्वारा सैन्य क्षेत्र की RWA (Resident welfare association ) के बीच में Polythene and E Waste collection competition किया गया था। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे RWA को पुरस्कृत किया गया।

 

कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पालीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार हैं और न बाजार कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, कांच आदि को उठा लेते हैं पर पालीथिन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। कहा कि पालीथिन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा। बताया कि पालीथिन आदि से दुर्गन्ध नहीं आती है, लोग 15-20 दिन का पॉलीथिन कचरा एक साथ इकट्ठा कर बेच सकते हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!