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Friday, November 22, 2024

न आधार, न वोटर आईडी; सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट से बन जाएगा पूरा काम, 1 अक्टूबर से लागू होगा नया नियम

अगर आपने अभी तक बर्थ सर्टिफिटकेट बनवाने में आलस बरता है या अपने घर में बच्चों का नहीं बनवाया है तो आपके लिए ये बड़ी खबर है। अब, अगर आप अपना डॉक्यूमेंट वेरिफाई कराना चाहते हैं तो बर्थ सर्टिफिकेट यानी जन्म प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी होगा।

दरअसल, 13 सितंबर को गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर बताया कि 1 अक्टूबर , 2023 से जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो रहा है। इस नियम में कहा गया है कि सभी नागरिकों को बर्थ और डेथ के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगा।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 एक अक्टूबर से पूरे देश में लागू होगा। इसके तहत सरकार डिजिटल जन्मप्रमाण पत्र जारी करेगी, जिसके बाद कई दस्तावेज रखने की जरूरत खत्म हो जाएगी। शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, आधार संख्या, विवाह के पंजीकरण या नियुक्ति के लिए एकल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र जमा किया जा सकेगा।

नॉमिनी न होने पर म्यूचुअल खाता बंद हो जाएगा

म्यूचुअल फंड खाते में भी एक अक्टूबर से पहले नामांकन जोड़ना सेबी ने अनिवार्य कर दिया है। नॉमिनी जोड़ने की समय सीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई है। अगर कोई निवेशक इसमें चूक जाता है तो उसका खाता एक अक्टूबर से बंद कर दिया जाएगा। इसे फिर से शुरू करवाने के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 25 लाख पैन कार्ड धारकों ने अभी तक अपने नॉमिनी की जानकारी अपडेट नहीं की है।

डीमैट खाता भी नामांकन के बैगर नहीं चला पाएंगे

सेबी ने सभी डीमैट और ट्रेडिंग खाताधारकों के लिए 30 सितंबर तक एक नामांकित व्यक्ति रखना अनिवार्य कर दिया है। मौजूदा निवेशक जिन्होंने पहले ही अपना नॉमिनी जोड़ दिया है, उन्हें फिर से ब्योरा देने की जरूरत नहीं है। लेकिन जिन्होंने अब तक इस काम को पूरा नहीं किया है, उनके पास आखिरी मौका है। नॉमिनी नहीं जोड़ने पर ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे।

कब आया था संशोधन?

अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि ये संशोधन आखिर कब आ गया, पता ही नहीं चला तो बता दें कि बीते महीने 20 जुलाई से 11 अगस्त तक संसद का मॉनसून सत्र चला था और इसी दौरान जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित को भी ध्वनिमत से संसद को दोनों सदनों में पारित किया गया था। 1 अगस्त को इसे निचले सदन यानी लोकसभा में और 7 अगस्त को उच्च सदन (राज्यसभा में) इस संशोधन को मंजूरी मिली थी।

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