- लैब कर्मचारियों की मिलीभगत से सेना भर्ती के लिए 100 से अधिक युवाओं को बिना टेस्ट फर्जी रिपोर्ट जारी कर दी
- अस्पताल के डॉक्टर और युवाओं ने भी आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी
- सेना भर्ती को लेकर युवा इतने उत्साहित कि 15 दिन पहले ही बनवा दी 27 दिसंबर की कोविड रिपोर्ट
रामनगर, रामनगर संयुक्त अस्पताल में रुपये लेकर बिना जांच कोविड की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट जारी करने का भंडाफोड़ हुआ है। लैब कर्मचारियों की मिलीभगत से सेना भर्ती के लिए सौ से अधिक युवाओं को बिना टेस्ट फर्जी रिपोर्ट जारी कर दी गई। रिपोर्ट में बाकायदा कोरोना अस्पताल की फर्जी मुहर ली है और जाली दस्तखत भी किए गए हैं। अस्पताल के डॉक्टर की तहरीर पर लैब टेक्नीशियन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे हटा दिया गया है।
युवाओं ने भी आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। अस्पताल वर्तमान में पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा है। पौड़ी जिले के कोटद्वार में 27 दिसंबर को सेना की भर्ती होनी है। इसमें शामिल हो रहे अभ्यर्थियों के लिए कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है।
रविवार को इसके लिए रामनगर क्षेत्र में एक फाउंडेशन के जरिए भर्ती की ट्रेनिंग ले रहे कई युवा रामनगर संयुक्त अस्पताल पहुंचे। यहां लैब कर्मचारियों ने उन्हें कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट जारी करने की बात कही। युवाओं के हामी भरने पर कर्मचारियों ने उनसे 500 से एक हजार रुपये लेकर फर्जी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट सौंप दी। जारी की गई रिपोर्ट में मुहर-दस्तखत भी फर्जी हैं, जबकि अस्पताल में तैनात डॉक्टर को इसकी खबर तक नहीं लगी। सोमवार को युवाओं ने रिपोर्ट देखी तो उनमें मुहर के साथ-साथ डॉक्टर के दस्तखत भी अलग-अलग मिले। उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी तो पूरा फर्जीवाड़ा खुल गया।
अस्पताल के डॉक्टर राकेश ने बताया कि उन्हें युवाओं को जारी की गई कोरोना रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है। इसमें न उनकी मुहर लगी है और हस्ताक्षर भी गलत हैं। युवाओं ने 10 और 12 दिसंबर को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट बनवाई थी। मगर लैब कर्मचारियों ने रिपोर्ट में जांच की तारीख 20 से 27 दिसंबर तक लिखकर करीब 15 दिन एडवांस में ही जारी कर दी।
जांच की तारीख देखकर युवाओं को रिपोर्ट के फर्जी होने का शक हुआ। बताया जाता है कि फर्जी रिपोर्ट जारी करने में कई और कर्मचारी शामिल हैं। जांच में उनके नाम भी सामने आ सकते हैं।
डॉ. मणि पंत, एमएस, रामनगर अस्पताल लैब टेक्नीशियन हटा दिया है। पूरी जानकारी ली जा रही है कि किस तरह फर्जी कोरोना रिपोर्ट युवाओं को थमा दी गई। मामले में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ, नैनीताल मामला संज्ञान में आया है। जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। कोरोना के खतरे के बीच ऐसी हरकतें बिल्कुल ठीक नहीं है।