देहरादून, आज अखिल गढ़वाल सभा द्वारा आयोजित कौथिग में हिमालयी राज्यों के लोकनृत्यों का प्रदर्शन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और विधायक बिनोद चमोली ने दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मणिपुर से आये कलाकारों ने मतुंग इबोम्बशा सिंह के नेतृत्व में लाई हरोबा लोक नृत्य के साथ किया। यह नृत्य लोग अपने क्ष्रेत्र की सुख शांति की प्रार्थना में करते हैं। इसके बाद जम्मू कश्मीर से आये दल ने इम्तियाज़ अली के नेतृत्व में प्रसिद्ध रौंफ नृत्य प्रस्तुत किया जो त्योहारों और विवाहोत्सव पर आभूषणों और फिरन के साथ किया जाता है। इस मे ,सारंगी रबाब, तजम्बक नाड़ी का विशेष प्रयोग होता है। इसके बाद गुरखाली सुधार सभा के कलाकारों ने अध्यक्ष पदम सिंह थापा व प्रभा शाह जी के साथ नेपालि नृत्य देवसी भइलो प्रस्तुत किया जो दीपावली के अवसर पर किया जाता है।। इसके बाद मणिपुर के कलाकारों ने मार्शल आर्ट पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया । तद्पश्चात नीति माना घाटी मके कलाकरों ने उत्तराखंड का पौना नृत्य प्रस्तुत किया, इनके पश्चात कलाकारों ने राजीव के नेतृत्व में असम का सुन्दर सेनिमायी बिहू नृत्य प्रस्तुत किया।
कुर्मांचल सांस्कृतिक परिषद के कलाकारों ने अध्यक्ष कमल रजवार व बबिता लोहानी के नेतृत्व में सुन्दर लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जिसके बोल थे सातु आठू प्रस्तुत किया। अंत मे मणिपुर के दल ने एक नृत्य प्रस्तुत किया जो लकड़ियों के साथ बहुत योग्यता के साथ किया जाता है और साथ मे एक नृत्य एयर प्रस्तुत किया जिसको दर्शकों ने बहुत सराहा।
इससे पहले अध्यक्ष रोशन धस्माना ने सभी का स्वागत किया। गजेंद्र भंडारी ने धन्यवाद करते हुए कहा कि कौथिग की सफलता में समाज का बहुत बड़ा योगदान है।
कार्यक्रम का संचालन प्रचार सचिव व प्रवक्ता अजय जोशी ने किया। इस अवसर पर पंडित उदय शंकर भट्ट, उदयवीर पाँवर, निर्मला बिष्ट, ज्योतिष घिल्डियाल, वीरेंद्र असवाल, दामोदर सेमवाल, दिवाकर भट्ट, सूर्य प्रकाश भट्ट, कुलानंद घनशाला, भारती पांडे आदि उपस्थित थे।