देहरादून, आज गुरूवार 25 अगस्त 2022 उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति के तत्वाधान में , शहीद मेजर दुर्गा मल्ल पार्क में — शहीद मेजर दुर्गा मल्ल (आजाद हिंद फौज) के 78वें श्रद्धांजलि दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस अायोजन में मुख्य अतिथि माननीय गणेश जोशी, कृषि , एवं सैनिक कल्याण मंत्री उत्तराखंड सरकार, कैंट विधायक श्रीमती सविता कपूर, गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति के अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा, इंजिनियर मेक बहादुर थापा एवं संघ संस्थाओं के पदाधिकारियों ने शहीद मेजर दुर्गामल्ल पार्क में स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन, माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्जवित करते हुए उन्हें शत् शत् नमन किया।
जीवन परिचय – शहीद मेजर दुर्गा मल्लजी (1जुलाई 1913 –25 अगस्त1944 ) आजाद हिंद फौज के प्रथम गोर्खा सैनिक थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी | दुर्गा मल्ल का जन्म 1जुलाई 1913 को देहरादून के निकट डोईवाला में गोर्खा राईफल्स के नायब सुबेदार गंगाराम मल्ल क्षेत्री एवं पार्वती देवी के घर में हुआ | वे बचपनसे ही बहादुर और प्रतिभा वान थे |उन्होंने गोर्खा मिलट्री इंटर कालेज में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की |
सन् 1931 में मात्र 18 वर्ष की आयु में दुर्गा मल्लजी 2/1 गोर्खा राईफल्स में भर्ती हो गये। लगभग 10 वर्ष तक सेवारत रहने के बाद जब 1 सितम्बर 1942 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा ” आजाद हिंद फौज ” का गठन हुआ, जिसमें दुर्गा मल्ल की भूमिका बहुत सराहनीय थी |जिससे प्रभावित होकर नेताजी ने उन्हें मेजर की पदवी से नवाजा।बाद में उन्हें गुप्तचर शाखा का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया। 27 मार्च 1944 को महत्वपूर्ण सूचनाऐं एकत्र करते समय मेजर दुर्गा मल्ल को अंग्रेजी सेना ने मणिपुर में कोहिमा के पास उखरूल में पकड़ लिया। युद्धबंदी बनाने और मुकदमें के बाद उन्हें बहुत कठिन यातनाएँ दी गईं और उन्हें माफी माँगने को कहा गया। परंतु आजादी के दीवाने दुर्गा मल्ल ने माफी नहीं माँगी। 15 अगस्त 1944 को उन्हें लालकिले की सैंट्रल जेल में लाया गया और दस दिन बाद 25 अगस्त 1944 को उन्हें फाँसी के फंदे पर चढा़ दिया गया। जाँबाज वीर मेजर दुर्गा मल्ल ने हँसते हँसते माँ भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
कार्यक्रम में मीडिया प्रभारी प्रभा शाह ने बताया स्कूली बच्चों ने देशभक्ति गीतों की सुंदर प्रस्तुतियाँ दीं। मनीषा आले, देविन शाही, सोनाली राई एवं सूरज ने भी देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दीं।
इस अवसर पर शहीदमेजर दुर्गामल्लजी के भतीजे मेजर राजेंद्र मल्लजी को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सूश्री पूजा सुब्बा एवं श्याम राना एवं सांस्कृतिक सचिव पुष्पा क्षेत्री ने किया।
आज समिति ने मुख्य अतिथि को समिति की ओर से एक ज्ञापन सौंपा जिसमें निम्नलिखित मुख्य माँग रखी गई थी :—
- शहीद मेजर दुर्गामल्लजी के नाम पर सरकारी योजनाए परियोजनाएँ प्रारंभ की जायें।
- उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया जाये।
- नेपाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं सूची मे ं मान्यता प्राप्त है ,इसे राज्य की प्राथमिक शिक्षा पाठ्य क्रम की भाषाओं में शामिल किया जाये।
माननीय मंत्री ने सभी विषयों को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए पूरा करने का पूर्ण आश्वासन दिया।
आज इस समारोह में बालकृष्ण बराल , बसंत कुमार गुरूंग, कैप्टेन आरएस थापा, कर्नल डीएस खड़का, कर्नल जीवन कुमार क्षेत्री, कर्नल विक्रम सिंह थापा, शमशेर सिंह बिष्ट ,महामंत्री श्याम राना,उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र मल्ल श्री गोपाल क्षेत्री , विष्णु प्रसाद गुप्ता, मेघा भट्ट, सभा के समस्त शाखा अध्यक्ष, एचबी राना, डीएस भंडारी, रीता विशाल, कैवाईबी थापा, लक्ष्मण लामा, भोपाल सिंह थापा, जितेंद्र खत्री, कैप्टेन डीके प्रधान, कमला थापा, उपासना थापा, सरोज गुरूंग, सुनीता क्षेत्री, निर्मला थापा, पुष्पा क्षेत्री, वंदना बिष्ट, नीरा थापा, संध्या थापा,मोनिका गुरूंग एवं भारी संख्या में उपस्थित होकर शहीद को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।