देहरादून, कांग्रेस में विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद, हार पर रार जारी है। प्रदेश कांग्रेस के अंदर सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं नई जिम्मेदारी के बाद एक बार फिर असंतोष के सुर उठने लगे हैं। एक तो कांग्रेस हाईकमान द्वारा बनती गई इन तीन प्रमुख जिम्मेदारियों में गढ़वाल को प्रतिनिधित्व न देते हुए सौतेला व्यावहार किया है, उधर नेता प्रतिपक्ष बनाए की अटकलों के बीच प्रीतम सिंह को किनारे कर कांग्रेस हाईकमान ने भाजपा से विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आये पूर्व काबिना मंत्री यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष कुर्सी की अहम जिम्मेदारी दे दी है। अब चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से सभी चौंका दिया है। कांग्रेस संगठन में नए पद बांटने के बाद पार्टी के अंदर असंतोष खुलकर सामने आया है। कांग्रेस आलाकमान की ओर से नई जिम्मेदारी नहीं देने से प्रीतम खेमा काफी आहत है। हाईकमान द्वारा अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है और इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है। गिरीश चंद्र पुनेड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पुनेड़ा ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए लेकर कांग्रेस में पद बांटे गए हैं।
ज्ञात हो रविवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इन नियुक्तियों का पत्र जारी किया गया था। इसमें बता दें कि कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने करण महरा को उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। जबकि खटीमा सीट से विधायक भुवन चंद्र कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है। क्योंकि गढ़वाल से कांग्रेस आलाकमान ने किसी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। वहीं प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खुलकर निशाना साधा, फिर आलाकमान के फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की बात साझा की है।
उत्तराखंड में कांग्रेस आलाकमान की ओर से नई जिम्मेदारियां बांटने और उसमें अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा काफी आहत है। माना जा रहा था कि प्रीतम सिंह के कद को देखते हुए उन्हें कांग्रेस आलाकमान से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बना दिया, जबकि यशपाल आर्य को पार्टी में शामिल कराने में मुख्य भूमिका प्रीतम सिंह की बताई जाती है।
पुनेड़ा ने लिखा है कि विगत सप्ताह में डिजिटल सदस्यता अभियान के दौरान जिन साथियों को मैंने कांग्रेस पार्टी से जोड़ा उनसे भी क्षमा प्रार्थी हूं। उन्होंने कहा कि बड़े भाई समान मेरे आदर्श रहे प्रीतम सिंह से भी क्षमा प्रार्थी हूं कि ईमानदारी और काबिलियत के आगे और धन बल की राजनीति में डूब चुकी कांग्रेस पार्टी में बने रहना अब संभव नहीं है। लेकिन आप हमेशा मेरे नेता रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले टिकट पैसों में बांटे गए थे और अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी करोड़ों में बिक गया। उन्होंने राहुल गांधी से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने लक्सर, खानपुर, यमुनोत्री समेत दर्जनों टिकट पैसों में बांटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि फिलहाल तो केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे, देवेंद्र यादव, हरीश रावत को यह बताना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कितनी बोली लगाई गई थी।
नवनियुक्त पीसीसी अध्यक्ष करण महरा को उन्होंने शुभकामनाएं दी और उनसे विधानसभा चुनाव के खर्च के लिए पीसीसी में आई पैसे और उसके बटवारे को लेकर जांच की मांग भी की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव के लिए एआईसीसी से आई धनराशि की बिल टू बिल जांच की जाएगी। क्योंकि चुनाव खत्म होते ही चुनाव में बागडोर संभालने वाले पीसीसी के कई पदाधिकारियों के द्वारा नई महंगी गाडियें लेने की खबर से समर्पित कांग्रेसी कार्यकर्ता हैरान हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से नई नियुक्ति के बाद पार्टी के भीतर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इसकी शुरुआत प्रीतम सिंह के करीबी माने जाने वाले गिरीश चंद्र पुनेठा ने की है। कहा जा रहा है कि प्रीतम सिंह के और समर्थक भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं।