देहरादून, आने वाली 29 मार्च से उत्तराखंड की नयी विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है उत्तराखंड में शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष का पद ऋतु खंडूड़ी भूषण संभाल चुकी हैं और संभावना है कि इससे ठीक पहले ही कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर सकती है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस अपने पुराने तरीके को अपनाते हुए विधानसभा सत्र की शुरुआत से ठीक पहले ही ये ऐलान कर सकती है। पिछली विधानसभा में इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष बनाये गए थे और इस बार भी प्रीतम सिंह का नाम उनकी वरिष्ठता को देखते हुए सबसे आगे चल रहा है लेकिन उनके लिए हरीश रावत का खेमा चुनौती खड़ी करते हुए ताल ठोक रहा है।
इस बार कांग्रेस के जो कुल 19 विधायक इस बार जीतकर आए हैं, उनमें अधिकतर नाम हरीश रावत खेमे के हैं और वो चाहेंगे कि ये पद भी उन्ही को मिले। पिछली बार से उलट कांग्रेस में हरदा की सबसे बड़ी प्रतिद्वन्द्वी इंदिरा के निधन के बाद से वह प्रदेश में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं और गाँधी परिवार के करीबी भी हैं वे समय समय पर इसका प्रमाण भी दे चुके हैं। 2022 विधानसभा चुनाव हारने के बाद हाई कमान द्वारा पांचों प्रदेशों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों इस्तीफा लेने के बाद अब उत्तराखंड में दो बड़े पदों, एक नेता प्रतिपक्ष तो दूसरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इनमें से एक पद कुमाऊं के नेता के खाते में जाएगा तो दूसरा गढ़वाल के पास जायेगा। गढ़वाल मंडल से प्रीतम सिंह तो कुमाऊं से यशपाल आर्य के आलावा कुछ और दावेदार हैं जो बीजेपी के युवा प्रतिनिधित्व देने के पैटर्न का हवाला देते हुए मैदान में दावेदारी जता रहे हैं।
प्रीतम सिंह के अलावा, गढ़वाल में कांग्रेस ने दो और सीटें जीती हैं। इनमें से प्रताप नगर से विक्रम सिंह नेगी और बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी का नाम भी विपक्ष के नेता के तौर पर देखा जा रहा है। भंडारी पहले भी कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री व संगठन में अन्य ज़िम्मेदारियां निभा चुके हैं। कुमाऊं अंचल से दो बड़े नाम यशपाल आर्य और हरीश धामी के आलावा तराई से एक बड़ा नाम तिलकराज बेहड़ का भी है, युवा चेहरे के तौर पर भुवन कापड़ी तथा हल्द्वानी से सुमित हृयदेश का दावा मज़बूत भी है। हैं। धामी पहले ही अपना दावा ठोककर युवाओं को कमान दिए जाने का बयान दे चुके हैं।
आपको बताते चलें कि अब लगभग तय माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस प्रीतम सिंह को दे सकती है, जो लगातार अपनी सीट जीत कर दौड़ में आगे हैं। लेकिन अगर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम बनते हैं तो कुमाऊं से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जायेगा।
अगर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम बनते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुमाऊं अंचल से दो बड़े नाम यशपाल आर्य और हरीश धामी के आलावा तराई से एक बड़ा नाम तिलकराज बेहड़ का भी है का है, जो उत्तराखंड चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों में शुमार रहे हैं। फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस के भीतर नेताओं की गुटबंदी और खींचतान जारी है। पर्यवेक्षक के तौर पर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के नेता अविनाश पांडेय को भेजा था, जो अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को दे चुके हैं और अब सोनिया गांधी को फैसला आना बाकी है।