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Monday, July 21, 2025

उत्तराखंड पुष्प प्रदर्शनी वसन्तोत्सव का उद्घाटन, राजभवन में 8 मार्च मंगलवार को सुबह 10 बजे होगा

  • 8 मार्च को वसन्तोत्सव का उद्घाटन प्रातः 10 बजे किया जायेगा।
  • वसन्तोत्सव 2022 में इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है
  • 8 मार्च को दोपहर 10 बजे से सांय 6 बजे तक व 9 मार्च को प्रातः 9 बजे से सांय 6 बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। 

राजभवन देहरादून, शनिवार को राजभवन में वसंतोत्सव का कर्टेन रेजर आयोजित किया गया। मीडिया को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने इस वर्ष दिनांक 8 मार्च तथा 09 मार्च से राजभवन में प्रारम्भ हो रहे वसंत उत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सचिव डॉ मीनाक्षी सुंदरम तथा निदेशक उद्यान डॉ एच एस बवेजा भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में 2003 से प्रारम्भ किया जाने वाला वंसत उत्सव, देहरादून की पहचान बन चुका है। पुष्प प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होकर अब एक बडे़ सांस्कृतिक व आर्थिक महोत्सव में बदल चुका है। उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियॉं एवं उपलब्ध जलवायु पुष्पोत्पादन के लिए उपयुक्त है। कम क्षेत्रफल से अधिक आय प्राप्त होने के कारण कृषकों/उत्पादकों में इसके उत्पादन की अभिरूचि में वृद्धि हो रही है। प्रतिवर्ष राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव के आयोजन से पुष्पोत्पादन के क्षेत्र में जनसाधारण एवं कृषकों में विशेष जागरूकता एवं अभिरूचि विकसित हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 1609.93 है0 हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 3022.90 मै0 टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) तथा 14.43 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग रू. 250.00 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है।                                                                                                       वसन्तोत्सव 2022 के मुख्य आकर्षण- * इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है-                                         
1.कट फ्लावर
2.पॉटेड प्लान्टस प्रबन्धन
3.लूज फ्लावर प्रबन्धन
4.पुष्प के अतिरिक्त पॉटेड प्लान्टस
5.कैक्टस एवं सकुलेन्ट्स
6.हैंगिंग पॉटस
7.फूलों के गमले
8.ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी
9.ताजे पुष्प दलों की रंगोली
10.खाने योग्य पुष्पों की प्रतियोगिता
11.लॉन
12.विद्यालयी एवं अन्य बच्चों हेतु पेंटिंग प्रतियोगिता (5 से 18 वर्ष आयु वर्ग)

उपरोक्त 12 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 51 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। इस प्रकार कुल 153 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त दिनांक 9 मार्च, 2022 को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे।  इस वर्ष यमुना तुलसी/कुण्ज (Artemisia vulgaris) को विशेष आवरण जारी किये जाने हेतु चयनित किया गया है, जिसका अनावरण डाक विभाग के सहयोग से दिनॉंक 8 मार्च, 2022 को बसन्तोत्सव के उद्घाटन अवसर पर किया जायेगा। यमुना तुलसी एक बहुवर्षीय सुगन्धित पौधा है, जिसकी ऊॅचाई लगभग 1.5 मीटर होती है, इसकी शाखाएॅ हरी या गहरे लाल, भूरे व बैंगनी रंग की होती हैं। यह पौधा पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित धामों में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस पौधे को यमुनोत्री धाम में देवी यमुना को अर्पित किया जाता है। इस वर्ष पहली बार गमलों की प्रतियोगिता को भी सम्मिलित किया गया है।
राज्य में स्थापित कृषि/औद्यानिक विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केन्द्रीय संस्थाओं को भी आयोजन में प्रतिभाग करने हेतु आमन्त्रित किया जा रहा है। राज्य में स्थापित कृषि/औद्यानिक विश्वविद्यालयों द्वारा पुष्प के क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्यों का प्रदर्शन स्टॉल के माध्यम से किया जायेगा। इस वर्ष पहली बार औद्यानिकी से सम्बन्धित नवीनतम तकनीकी (वर्टिकल गार्डनिंग, हाइड्रोपोनिक व एरोपोनिक) का प्रदर्शन गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर एवं एफआरआई के माध्यम से किया जायेगा। इस वर्ष पहली बार विभिन्न पुष्पों की उपयोगिता एवं विशेषताओं के सम्बन्ध में ‘‘क्या आप जानते हो’’ शीर्षक के साथ कॉफी बुक टेबल तैयार की गयी है।  इस वर्ष पहली बार प्रदर्शनी में पुष्पों की सजावट से राज्य पक्षी/पशु इत्यादि पीडब्लूडी, दिल्ली की तर्ज पर बनाये जा रहे हैं। वसन्तोत्सव में प्रख्यापित बुके निर्माताओं, माला तैयार करने वाले एवं पुष्पों से निर्मित अन्य वस्तुएॅ तैयार कर व्यापार करने वालों को भी आमन्त्रित किया जा रहा है। इस वर्ष पहली बार राजभवन प्रांगण के पृथक-पृथक स्थानां पर बांसुरी वादन एवं सैक्सोफोन की व्यवस्था संस्कृति विभाग द्वारा की जायेगी। इस वर्ष पहली बार औद्यानिकी से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों के अन्तर्गत उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 5 चयनित कृषकों/उत्पादकों को मोमेन्टो से पुरस्कृत करते हुए ब्राण्ड एम्बेस्डर के रूप में सम्मानित किया जायेगा।
खाने योग्य पुष्पों यथा- गुलाब, गुडहल, रोडोडेन्ड्रॉन, स्ट्रॉबेरी ब्लॉसम इत्यादि की प्रतियोगिता वसन्तोत्सव में सम्मिलित की गई है। जनपद देहरादून में ‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ के अन्तर्गत बेकरी उत्पादों का चयन किये जाने के फलस्वरूप बेकरी उत्पादों हेतु उपयुक्त खाने योग्य फूलों को भी प्रतियोगिता में प्रथम बार सम्मिलित किया गया है।
इस दो दिवसीय आयोजन में राज्य के लगभग 30 विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा, जिसमें उद्यान विभाग के अतिरिक्त विभिन्न शोध संस्थान/कृषि विश्वविद्यालय/बोर्ड/निगम आदि प्रमुख होगें। उक्त के अतिरिक्त औद्यानिक यन्त्र, बायोफर्टिलाइजर, जैविक कीटव्याधि नियंत्रक उत्पादन करने वाली विभिन्न फर्मों को आमन्त्रित किया गया है। औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं/स्वयं सहायता समूहों/स्थानीय उत्पादक संगठनों द्वारा भी अपने कार्यक्रमों/उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा।


संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा प्रथम दिवस 8 मार्च, 2022 को सांय काल 1 घण्टे का सांस्कृतिक सन्ध्या का आयोजन किया जायेगा । भारतीय सैन्य संस्थान इण्डो तिब्बत बार्डर पुलिस एवं पीएससी के बैंड आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेगें। इस दो दिवसीय आयोजन में लोगों के खान-पान की सुविधा के लिए विभाग द्वारा गतवर्षों की भांति आईएचएम एवं जी0आई0एच0एम0 एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा फूड कोर्ट में पैक्ड फूड की व्यवस्था की जायेगी तथा बैठने की व्यवस्था नहीं की जायेगी, हाईजीन एवं सैनिटेशन का विशेष ध्यान रखा जायेगा। सम्पूर्ण वसन्तोत्सव कार्यक्रम को पॉलीथीन मुक्त रखा जायेगा। दिव्यांग बच्चों हेतु राजभवन परिसर में 10 व्हील चेयर की व्यवस्था की जायेगी तथा राजभवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैंनिग मशीन, मास्क एवं सैनेटाइजर की व्यवस्था की जायेगी। बिना मास्क वाले व्यक्तियों/आगंतुकों को राजभवन परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा।
वसन्तोत्सव-2022 के अन्य मुख्य कार्यक्रम-
* वसन्तोत्सव में ‘वर्टिकल गार्डन’ के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने हेतु पहल की गयी है, जिसमें कम स्थान पर विशेषकर घर की छत/बॉलकनी में पुष्पों एवं जैविक सब्जियों की खेती को प्रदर्शित किया जायेगा।
* पुष्प उत्पादकों व पुष्प क्रेताओं के मध्य सीधे सामन्जस्य स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक बोर्ड द्वारा क्रेता-विक्रेता सभा का आयोजन किया जा रहा है।
*  आईटीबीपी द्वारा आपदा एवं उसके बचाव हेतु विभिन्न प्रबन्धन तकनीकी की जानकारी प्रदान करने हेतु एवं उपयोग में लाये जाने वाले यन्त्रों के प्रदर्शन हेतु स्टॉल लगाया जायेगा।

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