देहरादून, पुरे उत्तराखंड में और आसपास तारा मच्छीवाले के नाम से मशहूर तारा नागपाल का मंगलवार को सुबह अचानक तबियत बिगड़ने के कारण स्वर्गवास हो गया। तारा नागपाल का का लोगों से सालों-साल पुराना नाता था, जिससे वह एक बार मिल लेते थे उसे भूलते नहीं थे। बताते हैं की उनका अपने पास नौकरी करने वालों से भी बड़ा प्यार का रिश्ता था वो उन्हें अपने बेटे की तरह व्यवहार करते थे।
73 साल के तारा नागपाल इस व्यवसाय में लगभग 50 से अधिक वर्षों से थे, उनके हाथों में ग़ज़ब का जादू था उनके द्वारा बनाई गई मछली और मछली के पकोड़ों के लाखों दीवाने थे नॉनवेज के शौकीन लोग उनके हाथ की मच्छी खाने के दूर दूर से आते थे।टेलीफोन एक्सचेंज पास कई साल अपने बेटे के साथ दुकान करने बाद अतिक्रमण में की जसद में उनकी दुकान भी आ गई थी जिसके उपरांत तारा नागपाल नयूएमपायर के पास अपने बेटे के साथ मछली के पकोड़ों की दुकान चला रहे थे।
तारा नागपाल के जानकार रहे पूर्व राजपुर विधायक राजकुमार बताते हैं कि नागपाल बड़े अच्छे व्यवहार वाले बड़े सज्जन व्यक्ति थे। राजकुमार बताते हैं कि नागपाल को बीती रात अटैक पड़ा था उसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी किन्तु आज उनका देहांत हो गया। तारा मच्छीवाले के स्वर्गवास की खबर के बाद हज़ारों की संख्या में लोग उनके चुख्खू मुहल्ले स्थित आवास पर पहुच कर अंतिम दर्शन किये। लक्खीबाग में उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी गई।