देहरादून, सरकार ने मृत्युंजय कुमार मिश्रा के निलंबन को समाप्त करने और उन्हें आयुर्वेद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के रूप में बहाल करने का आदेश दिया था। डॉ मिश्रा को निलंबन अवधि का वेतन नियमानुसार देने के भी आदेश दिए गए। हालांकि विजिलेंस जांच पूरी किए बगैर मृत्युंजय कुमार मिश्रा की बहाली पर भी सवाल उठ रहे थे। तब सचिव विभाग द्वारा बताया गया था कि विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की है। उसके बाद विभाग ने मिश्रा के पुनः समायोजन / प्रतिनियुक्ति को लेकर आदेश जारी कए हैं।
आदेश में कहा गया है कि माननीय मंत्रिमण्डल के आदेश दिनांक 25.07.2019 के अनुपालन में आयुष एवं आयुष शिक्षा, अनुभाग, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-1172/xooox / 2018-19/2010 दिनांक 02.06.2019 के द्वारा डा मृत्युंजय कुमार का समायोजन / प्रतिनियुक्ति सम्बन्धी आदेश दिनांक 13.08.2016 को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए डा मृत्युंजय कुमार को उनके मूल / पैतृक विभाग (उच्च शिक्षा) हेतु वापस / प्रत्यावर्तित किया गया था।
आयुष शिक्षा सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा जारी पत्र कहा गया है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त लिये गये निर्णयानुसार शासन के उक्त आदेश दिनांक 2.8.2019 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है और डा मृत्युंजय कुमार के विरूद्ध सतर्कता विभाग द्वारा की जा रही जाँच के संबंध में जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त प्रकरण में यथा प्रक्रिया नियमानुसार विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही सम्पादित की जायेगी।
सूत्रों के अनुसार मृत्युंजय कुमार मिश्रा की रजिस्ट्रार पद पर बहाली के लिए एक कैबिनेट मंत्री की कृपा दृष्टि को माना जा रहा है जिन्हने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर दबाव बना कर मूल विभाग में भेजे जाने वाले फैसले को बदलवाया है।



