21.7 C
Dehradun
Saturday, November 15, 2025
spot_img

चुनावी शँखनाद के साथ उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू, क्या है नियम और पाबंदियां

नई दिल्ली/देहरादून, भारत निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इस दौरान सरकारी मशीनरी अब एक प्रकार से चुनाव आयोग के नियंत्रण में रहेगी। मतदान और मतगणना के बाद नतीजों की आधिकारिक घोषणा के साथ ही आचार संहिता हट जाती है। आदर्श चुनाव आचार संहिता और इसके नियम-कायदे हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। जैसे सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद, नए कामों की स्वीकृति बंद, सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे, संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरे नहीं होंगे, सरकारी वाहनों में सायरन नहीं लगेंगे, सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे, सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे और सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन आदि नहीं नहीं दे सकेंगे।

देखें आदर्श आचार संहिता में पाबंदियां एवं नियमो की विस्तृत जानकारी 

  1. देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।
  2. आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश में लोकसभा के चुनाव हर पांच साल पर होते हैं। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।
  3. आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
  4. चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता। सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा, सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल,किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा।, किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी और किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।
  5. आदर्श आचार संहिता की मुख्‍य विशेषताएं निर्धारित करती हैं कि राजनीतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यथियों और सत्ताधारी दलों को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कैसा व्‍यवहार करना चाहिए अर्थात् निर्वाचन प्रक्रिया, बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिवस गतिविधियों तथा सत्ताधारी दल के कामकाज इत्‍यादि के दौरान उनका सामान्‍य आचरण कैसा होगा।
  6. मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को निर्वाचन प्रचार के साथ नहीं मिला सकते हैं।
  7. विमान, वाहनों इत्‍यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या अभ्‍यर्थी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा।
  8. निर्वाचन के आयोजन से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के स्‍थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा। यदि किसी अधिकारी का स्‍थानांतरण या तैनाती आवश्‍यक मानी जाती है तो आयोग की पूर्व-अनुमति ली जाएगी।
  9. यदि निर्वाचन कार्य से संबंधित किसी अधिकारी का आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार द्वारा स्‍थानांतरण कर दिया जाता है और उसने नए स्‍थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है तो ऐसा अधिकारी आचार संहिता की घोषणा के बाद नए स्‍थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकता।
  10. कोई भी केंद्रीय या राज्‍य सरकार का मंत्री कहीं भी किसी आधिकारिक चर्चा हेतु राज्‍य या निर्वाचन क्षेत्र के किसी निर्वाचन संबंधी अधिकारी को नहीं बुला सकता है।
  11. कोई पदाधिकारी जो मंत्री से निर्वाचन क्षेत्र में उनके निजी दौरे के दौरान मिलते हैं, संगत सेवा नियमों के अधीन कदाचार के दोषी होंगे और यदि वह लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 129(1) में उल्लिखित पदाधिकारी हैं तो उन्‍हें उस धारा के सांविधिक उपबंधों का उल्‍लंघन करने का अतिरिक्‍त दोषी माना जाएगा और वे उसके अधीन उपबंधित दांडिक कार्रवाई के भागी होंगे।
  12. मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा बशर्ते इस प्रकार के सफर को किसी निर्वाचन प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए।
  13. मंत्री या किसी अन्‍य राजनीतिक कार्यकर्ता को निर्वाचन अवधि के दौरान निजी या आधिकारिक दौरे पर किसी पायलट कार या किसी रंग की बीकन लाइट अथवा किसी भी प्रकार के सायरन सहित कार का प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी भले ही राज्‍य प्रशासन ने उसे सुरक्षा कवर दिया हो जिसमें ऐसे दौरों पर उसके साथ सशस्‍त्र अंगरक्षकों के उपस्थित रहने की आवश्‍यकता हो। यह निषेध सरकारी व निजी स्‍वामित्‍व वाले दोनों प्रकार के वाहनों पर लागू होगा।
  14. राजनीतिक कार्यकर्ताओं के निवास स्‍थान पर “इफ्तार पार्टी” या ऐसी ही कोई अन्‍य पार्टी कोई भी व्‍यक्ति अपनी निजी क्षमता और अपने निजी निवास स्‍थान पर ऐसी पार्टी का आयोजन करने के लिए स्‍वतंत्र है।
  15. निर्वाचन अवधि के दौरान प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी कोष की लागत पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जन-सम्‍पर्क मीडिया के दुरूपयोग पर निषेध है।
  16. प्रदर्शित किए गए इस प्रकार के सभी होर्डिंग, विज्ञापन इत्‍यादि संबंधित प्राधिकारियों द्वारा तुरन्‍त हटा दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्‍त, अखबारों और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्‍य मीडिया पर सरकारी राजकोष के खर्चें पर कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा।
  17. निर्वाचनों की घोषणा से पूर्व जारी कार्य आदेश के संबंध में यदि क्षेत्र में वास्‍तविक रूप से कार्य शुरू नहीं किया गया है तो उसे शुरू नहीं किया जाएगा। परंतु यदि काम वास्‍तव में शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
  18. आपातकालिक स्थिति या अप्रत्‍य‍ाशित आपदाओं यथा सूखे, बाढ़, महामारी, अन्‍य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने अथवा वृद्धजनों तथा निशक्‍त इत्‍यादि हेतु कल्‍याणकारी उपाय करने के लिए सरकार आयोग का पूर्व अनुमोदन ले सकती है तथा सरकार को आडंबरपूर्ण समारोहों से पूरी तरह से बचना चाहिए और सरकार को ऐसी कोई भी परिस्थिति उत्‍पन्‍न करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए कि सरकार द्वारा ऐसे कल्‍याणकारी उपाय या सहायता या पुनर्वास कार्य किसी अंतर्निहित उद्देश्‍य से किए जा रहे हैं।
  19. क्‍या शराब के ठेकों, तेंदु की पत्तियों और ऐसे अन्‍य मामलों के संबंध में निविदा नीलामी, संबंधित क्षेत्र में निर्वाचन प्रक्रिया के पूर्ण होने तक ऐसे मामलों पर कार्रवाई को आस्‍थगित किया जा सकता है और सरकार वहां अंतरिम व्‍यवस्‍था कर सकती है जहां यह अपरिहार्य रूप से आवश्‍यक हो।
  20. सरकारी स्‍वामित्‍व वाली बसों की बस टिकट के पिछली ओर राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशि‍त नहीं किया जा सकता है।
  21. निर्वाचन आयोग से स्‍पष्‍टीकरण/अनापत्ति/अनुमोदन मांगने हेतु राज्‍य सरकार का कोई भी प्रस्‍ताव केवल मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के माध्‍यम से ही भेजा जाना चाहिए जो संबंधित मामले में अपनी सिफारिशें देंगे अथवा अन्‍यथा टिप्‍पणी प्रस्‍तुत करेंगे।
  22. निर्वाचन प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी या दल ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे मौजूदा मतभेद बढ़ जाए या जिनसे परस्‍पर द्वेष पैदा हो अथवा भिन्‍न-भिन्‍न जातियों और समुदायों, धर्मों या भाषा-भाषी लोगों में तनाव बढ़ जाए। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य राजनीतिक दलों की आलोचना करते समय यह केवल उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्‍यर्थियों का निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना चाहिए, जो अन्‍य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े न हों। दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना निराधार आरोपों या तथ्‍यों को तोड़-मरोड़कर नहीं की जानी चाहिए।
  23. धार्मिक स्‍थान यथा मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा या पूजा के अन्‍य स्‍थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त, मत प्राप्‍त करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी।
  24.  रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय की परिधि में आने वालो वाहनों की अधिकतम संख्‍या को तीन तक सीमित रखा गया है और रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में जाने वाले व्‍यक्तियों की अधिकतम संख्‍या को पांच (अभ्‍यर्थी सहित) तक सीमित रखा गया है।
  25. निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ अभ्‍यर्थी कितने भी वाहन (टू व्‍हीलर सहित सभी यांत्रिकीय और मोटरयुक्‍त वाहन) चला सकता है पंरतु उसे ऐसे वाहन चलाने के लिए रिटर्निंग अधिकारी का पूर्व अनुमोदन लेना होता है और उसे रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जारी परमिट की मूल प्रति (फोटोकापी नहीं) को वाहन की विंड स्‍क्रीन पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए। परमिट पर वाहन की परमिट संख्‍या और उस अभ्‍यर्थी का नाम, जिसके पक्ष में वाहन जारी किया गया है, का उल्‍लेख होना चाहिए।
  26. प्रत्याशी द्वारा निर्वाचन प्रचार हेतु ऐसे वाहन के प्रयोग हेतु भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के अधीन कार्रवाई की जाएगी।
  27. आयोग ने राजनीतिक प्रयोग हेतु स्‍कूलों और कॉलेज के मैदानों के प्रयोग की अनुमति नहीं है बशर्तें यदि राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी तथा निर्वाचन प्रचार करने वाले इस बात का पूरा ध्‍यान रखेंगे कि उपर्युक्‍त मानदंडों का उल्‍लंघन न हो। यदि ऐसे मैदानों को निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ प्रयोग किया जा रहा है तो प्रयोग के बाद इन्‍हें बिना किसी नुकसान के या की गई क्षति, यदि कोई हुई है, हेतु अपेक्षित क्षतिपूर्ति के साथ संबंधित प्राधिकारी को लौटाना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल जो संबंधित स्‍कूल/ कॉलेज प्राधिकारी को प्रचार अभियान वापस करते समय ऐसी क्षतिपूर्ति, यदि कोई हुई है, का भुगतान करने के जिम्‍मेवार होंगे।
  28. राजनीतिक दलों/प्रत्याशीयों के लिए सरकारी विमान/हेलीकॉप्‍टर या प्राइवेट कंपनियों के एयरक्रॉफ्ट/हेलीकॉप्‍टर को किराए पर लेने की अनुमति देते हुए निम्‍नलिखित शर्तों का अनुसरण किया जाना चाहिए।
    1. सत्ताधारी दल और अन्‍य दल तथा निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी के बीच कोई भेद नहीं होना चाहिए।
    2. इसका भुगतान राजनीतिक दलों या निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशीयों द्वारा किया जाएगा और इसका उचित रिकॉर्ड रखा जाएगा।
    3. सभी के लिए दरें और निबंधन व शर्तें एक समान होंगी।
    4. वास्‍तविक आबंटन ‘पहले आओ पहले पाओ’ आधार पर होना चाहिए। इस प्रयोजनार्थ आवेदन की तारीख व समय को आवेदन प्राप्‍त करने वाले प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा नोट कर लेना चाहिए।
    5. ऐसे मामलों में जब कभी दो या उससे अधिक आवेदनों की तारीख व समय एक होगा तो आबंटन का निर्णय ड्रॉ द्वारा होगा।
    6. किसी भी व्‍यक्ति, फर्म, पार्टी या प्रत्याशी को एक ही समय पर तीन दिन से अधिक के लिए एयरक्रॉफ्ट/हेलीकॉप्‍टर किराए पर लेने की अनुमति नहीं होगी।
  29. प्रत्याशी किसी ऐसे निर्वाचन पैम्पलेट अथवा पोस्टर का मुद्रण अथवा प्रकाशन नहीं करेगा अथवा उसका मुद्रण अथवा प्रकाशन नहीं करवाएगा, जिस पर उसका चेहरा, नाम अथवा पते मुद्रित अथवा प्रकाशित नहीं होते हों।
  30. प्रत्याशी निर्वाचन के समापन के लिए तय किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की अवधि के दौरान, सिनेमैटोग्राफ, टेलीविजन या अन्य इसी तरह के उपकरण के माध्यम से जनता को किसी भी निर्वाचन सामग्री अथवा प्रचार को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं।
  31. प्रत्याशी द्वारा ऐसे कार्यालय किसी भी अतिक्रमण के माध्यम से सार्वजनिक या निजी संपत्ति/किसी भी धार्मिक स्थानों पर, अथवा ऐसे धार्मिक स्थानों के परिसर/किसी भी शैक्षणिक संस्थान/अस्पताल के समीप, किसी मौजूदा मतदान केंद्र के 200 मीटर के भीतर नहीं खोले जा सकते हैं। इसके अलावा, ऐसे कार्यालय पार्टी का केवल एक झण्डा और बैनर को पार्टी प्रतीक/तस्वीरों के साथ प्रदर्शित कर सकते हैं, और ऐसे कार्यालयों में उपयोग किए जाने वाले बैनर का आकार इस अतिरिक्‍त शर्त के अध्‍यधीन 4 फीट X 8 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए कि यदि स्‍थानीय विधियों द्वारा बैनर/होर्डिंग इत्‍यादि के लिए अधिक छोटे आकार का निर्धारण किया जाएगा तो स्‍थानीय विधि द्वारा निर्धारित छोटे आकार का इस्‍तेमाल किया जाएगा।
  32. किसी भी सार्वजनिक या निजी स्थान पर सभा आयोजित करने और जुलूस निकालने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से पूर्व लिखित अनुमति लेनी चाहिए।
  33. रात 10 बजे से प्रात: 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता है।
  34. जन सभाएं सुबह 6 बजे से पहले और शाम 10 बजे के बाद आयोजित नहीं की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्‍त, अभ्यर्थी मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटे की अवधि के दौरान जनसभाएं और जुलूस नहीं निकाल सकते। मान लीजिए, मतदान का दिन 15 जुलाई है और मतदान का समय सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक है, तो जन सभा और जुलूस 13 जुलाई को शाम 5 बजे से बंद हो जाएंगे।
  35. किसी भी तरह से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, या किसी अन्य मीडिया द्वारा किसी भी जनमत सर्वेक्षण या एक्जिट पोल के परिणाम को प्रकाशित, प्रचारित या प्रसारित नहीं किया जाएगा, जो निम्नलिखित अवधि के लिए मान्य होंगे:
    1. एक ही चरण में आयोजित निर्वाचन में मतदान समापन के निर्धारित घंटे के साथ समाप्त हो रही 48 घंटों की अवधि के दौरान; तथा
    2. एक बहु स्तरीय निर्वाचन में, और विभिन्न राज्यों में एक साथ निर्वाचनों की घोषणा के मामले में, निर्वाचन के प्रथम चरण के मतदान के लिए निर्धारित अवधि के आरंभ होने से 48 घंटे आरंभ होने की अवधि के दौरान और सभी राज्यों में सभी चरणों के मतदान समाप्त हो जाने तक।
  36. मतदान के दिन मतदान केंद्र के एक सौ मीटर की दूरी के भीतर वोटों के लिए प्रचार करना निषिद्ध है।
  37. मतदान के दिन मतदान केंद्र के आस-पास शस्त्र अधिनियम 1959 में परिभाषित किए गए किसी भी तरह के हथियारों से लैस किसी भी व्यक्ति को हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है।
  38. राज्य विधान सभा के निर्वाचन के लिए, प्रत्याशी के स्वयं के उपयोग के लिए एक वाहन प्रत्याशी के निर्वाचन अभिकर्ता और प्रत्याशी के कार्यकर्ताओं या पार्टी कार्यकर्ताओं के उपयोग के लिए एक वाहन।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img

Stay Connected

22,024FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

- Advertisement -spot_img
error: Content is protected !!