देहरादून, आज शुक्रवार 31 दिसंबर को उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के अनाज, दाल-दलहन, तेल-तिलहन, गुड- शक्कर व्यापारी, मेवा व मसाला व्यापारी, टिंबर व्यापारी, किराना व्यापारियों द्वारा राज्य सरकार द्वारा पुनः मंडी शुल्क लगाए जाने के विरोध में तथा जूता कपड़ा पर 1 जनवरी 2022 से जीएसटी की दर 5% के स्थान पर 12% किए जाने के विरोध में देहरादून का आढत बाजार क्षेत्र, दर्शनी गेट, बाबूगंज, पीपल मंडी, हनुमान चौक, रामलीला बाजार, श्री गुरु राम राय मार्केट, लक्कड़ मंडी क्षेत्र, का समस्त कारोबार पूर्ण रुप से बंद कर विरोध व्यक्त किया। तथा मंडी शुल्क व्यवस्था तथा जीएसटी से संबंधित प्रमुख मांगों के समर्थन में अपने प्रतिष्ठान पूर्ण रुप से बंद रखते हुए आढत बाजार स्थित कार्यालय के समीप प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से दी होलसेल डीलर्स एसोसिएशन,आढत बाजार, टिंबर मरचेंट्स एसोसिएशन देहरादून, फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड, श्री गुरु राम राय मार्केट व्यापार संघ,किराना मरचेंट्स व्यापार संघ, ड्राई फ्रूट व्यापार संघ, हनुमान चौक व्यापार संघ, दर्शनी गेट व्यापार संघ, बाबूगंज व्यापार संघ, रामलीला बाजार व्यापार संघ, के सभी पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया क्योंकि व्यापारी पूर्व में ही जीएसटी,इनकम टैक्स, लेबर विभाग इत्यादि अनेक विभागों से संबंधित ऑनलाइन कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त रहता है। उसके बावजूद मंडी शुल्क व्यवस्था यथा 9R,6R, गेट पास, प्रवेश पर्ची के नाम पर मंडी परिसर के बाहर काम करने वाले व्यापारियों भी थोप दी गई है। जिनका पालन करना मंडी परिसर के बाहर के व्यापारियों के लिए कठिन ही नहीं असंभव है। अतः मंडी परिसर के बाहर काम करने वाले व्यापारियों के लिए उक्त अनावश्यक कागजी कार्यवाही को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
गढ़वाल प्रभारी श्री विनोद गोयल ने बताया कि सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आज के बंद व सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है इस संबंध में व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल अपनी प्रमुख मांगों से माननीय कृषि मंत्री को अवगत करा चुका है। शीघ्र ही मंडी शुल्क तथा जीएसटी से संबंधित प्रमुख मांगों को माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा। उन्होंने बताया ऐसे कदमों से इंस्पेक्टर राज पुनः कायम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारी प्रमुख मांगे निम्न हैं:-
1. क्योंकि प्रदेश के बाहर से लाई गई वस्तु प्रदेश का कृषि उत्पाद नहीं है इसलिए ऐसे कृषि उत्पाद पर प्रदेश में मंडी शुल्क लिए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
2. मंडी शुल्क की दरें न्यूनतम 0.5% करते हुए महंगाई पर रोक लगाई जाए।
3. मंडी शुल्क व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए मंडी परिसर के बाहर कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए 9R, 6R, गेटपास, प्रवेशपर्ची इत्यादि अनावश्यक कार्यवाही को तुरंत प्रभाव से समाप्त करते हुए व्यापारियों का उत्पीड़न बंद किया जाए।
4. मंडी से संबंधित लाइसेंस के लिए पूर्व में जो व्यापारी कृषि उत्पादन मंडी समिति विभाग में पंजीकृत थे उनके लाइसेंस पूर्व प्रपत्रों के आधार पर ही ऑटोमेटिक रूप से नये बना दिए जाएं।
5.1 जनवरी 2022 से जूता व कपड़ों पर जीएसटी की दर 5% के स्थान पर 12% की बढ़ी हुई दर को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
बंद का समर्थन तथा धरना व प्रदर्शन करने वालों में दी होलसेल डीलर्स एसोसिएशन आढत बाजार की ओर से अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोयल, सचिव विनोद गोयल, सह सचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष अजय गुप्ता, कोषाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता, जगदीश प्रसाद, मनोज गोयल, अभिषेक गुप्ता, विजेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, मोहित कुमार, अजमेर सिंह, मुकेश कुमार, अनुज गोयल, विनीत सिंगल, दर्शनी गेट व्यापार मंडल से प्रवीण सिंगल, ओम प्रकाश सूरी, गुरु राम राय मार्केट से विशाल गर्ग, विशाल मित्तल, पुनीत मित्तल, अक्षय मित्तल, पीपल मंडी व्यापार संघ से अनिल गोयल ईश्वर चंद सिंघल, अशोक गोयल, फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से काशी लाल खंडूजा, गुलशन खंडूजा, टिंबर मरचेंट्स एसोसिएशन की ओर से अनिल जैन, सुरेंद्र अग्रवाल, सुरेंद्र जैन, महेश गर्ग, फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से अनिल मारवाह, पवन अग्रवाल उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से राजकुमार दीवान, पवन अग्रवाल इत्यादि सम्मिलित थे।