देहरादून, शुक्रवार रात को उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के दौरान इस्तीफे की धमकी देकर बैठक छोड़ दी थी। वे कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लाने से नाराज बताए जा रहे थे। अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा है कि हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता और हरक सिंह रावत इस्तीफा नहीं देंगे। वहीं, विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी इस बात का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा। विधायक काऊ ने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित सिपाही हैं। विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की। इस दौरान हरक सिंह की पार्टी के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात हुई है। मुख्यमंत्री धामी ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया है।
बीते रोज कांग्रेस में मची हलचल के बाद अब सत्ताधारी पार्टी भाजपा में भी तूफान खड़ा हो गया है। कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी ने भाजपा में उहापोह की पैदा हो गई। उधर, रायपुर क्षेत्र से भी भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा छोड़ने की चर्चा रही, लेकिन देर रात उन्होंने इससे इन्कार किया। विधायक काऊ ने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित सिपाही हैं। काऊ को डॉ हरक सिंह के करीबियों में माना जाता है। देर रात हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी सक्रिय हो गया। भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं ने भी उनसे बात की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात हरक सिंह रावत से बात की।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह और काउ के बीच शुक्रवार देर रात मुलाकात भी हुई है. विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की थी और सूत्रों की मानें तो सीएम पुष्कर धामी ने भी हरक से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री धामी ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव पर हरक सिंह को आश्वासन दे दिया है। शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी आज देहरादून पहुंच रहे हैं और माना जा रहा है कि आज हरक सिंह को लेकर कोई बड़ी खबर आ सकती है।
सियासी गलियारे में नाराजगी के कई कारण बताये जा रहे हैं जिनमे एक तो हरक सिंह को यह टीस भी उनसे कहीं कद में छोटे विधायकों को मुख्तमंत्री बनाया जा चुका है और उनका यह दर्द कई बार सामने आ चूका है हद तो तब हो गई जब तीरथ सिंह रावत को हटाकर जब पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया तो ऐतराज़ करने वाले नेताओं में हरक सिंह भी शामिल थे। इनकी आपत्ति यह थी कि बगैर कोई मंत्री पद संभाले, किसी युवा नेता को सीधे सीएम क्यों बनाया जाए। अंदर की बात माने तो चर्चा ये भी है कि हरक सिंह अपनी बहू अनुकृति के लिए चुनाव का टिकट चाह रहे हैं, जिस पर अभी तक भाजपा से कोई जवाब नहीं मिला है।