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Friday, July 4, 2025

गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 59 छात्रों को स्वर्ण पदक 72 को पीएचडी तथा 83 को स्नातकोत्तर की उपाधि

  • ऑनलाइन दीक्षांत समारोह में 59 छात्रों को स्वर्ण पदक 72 छात्रों को पीएचडी तथा 83 को स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान 
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक बोले- इस विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र रहने पर वह खुद को समझते हैं सौभाग्यशाली

श्रीनगर गढ़वाल, 1 दिसम्बर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल का मंगलवार को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित आठवें दीक्षांत समारोह में 72 छात्रों को पीएचडी तथा 83 छात्रों को स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गई। इनके अलावा 39 विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 59 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल के निर्देशन में आयोजित दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बतौर मुख्य अतिथि और यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि थे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. योगेन्द्र नारायण ने की। समारोह में विजिटर द्वारा नामित सदस्य, विश्वविद्यालय कार्य परिषद् के सदस्य, विद्या परिषद् के सदस्य, डीन, कुलसचिव एवं क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन और भौतिक रूप से हिस्सा लिया।


दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्थापना के 47वें वर्ष में प्रवेश करते हुए गढ़वाल विश्वविद्यालय ने कठिन चुनौतियों के बीच भी प्रगति की अपनी यात्रा निरंतर जारी रखी है, परिणामस्वरूप 2009 में इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि वह अपने को सौभाग्यशाली समझते हैं की वह इस विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र रहे हैं और उन्हें इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आने का अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि उनकी बहुत सी अनूठी यादें इस विश्वविद्यालय से जुड़ी हैं। छात्र से मुख्य अतिथि तक का उनका सफर अनेक उतार-चढ़ाव और चुनौतियों भरा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में नीति आयोग, नई दिल्ली द्वारा भारतीय हिमालयन केन्द्रीय विश्वविद्यालय कंसोर्टियम (प्भ्ब्न्ब्द्ध की स्थापना पर प्रसन्नता जाहिर की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. निशंक ने कहा कि शिक्षा व्यापक तौर पर राष्ट्र निर्माण का काम करती है और सूक्ष्म रूप से चरित्र निर्माण का। हमें चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण की ओर बढ़ना होगा। मेरा एक ही मंत्र है – छंजपवद थ्पतेजए ब्ींतंबजमत डनेज । उन्होंने कहा कि इस विचार के प्रणेता स्वामी विवेकानंद भी थे और महर्षि अरविंद भी और इसी विचार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति के रूप में मजबूती दी है। उन्होंने कहा की नई शिक्षा नीति चरित्र से व्यक्ति और व्यक्ति से राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना पर आधारित है, जो न केवल प्रोफेशनल पैदा करेगी बल्कि विश्व नागरिक भी तैयार करेगी। ऐसा विश्व मानव जिसके संस्कार एवं मूल्य भारतीयता पर टिके हों और उसका विजन वैश्विक हो। जो नेशन फर्स्ट को भी समझता हो और वसुधैव कुटुम्बकम को भी मानने वाला हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा स्टार्टअप की बात करते हैं, हमें नौकरी करने वाले से नौकरी देने वाला बनना है। विश्वविद्यालयों को इसमें निर्णायक भूमिका निभानी है, उनको एक नेतृत्व प्रदान करना है।


विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर योगेंद्र नारायण ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को नई शिक्षा नीति का जनक बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति पूरे देश की शिक्षा पद्धति को बदल देने वाली है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि हमारा विश्वविद्यालय भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में प्रथम पांच विश्वविद्यालयों में से एक है। उन्होंने कहा कि इसे और बेहतर करके भारत के समस्त विश्वविद्यालयों की सूची में प्रथम 50 विश्वविद्यालयों में लाना है।
विशिष्ट अतिथि यूजीसी के अध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी।
कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने अपने संबोधन में सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एक दिसंबर 1973 को स्थापित गढ़वाल विश्वविद्यालय की अब तक की शैक्षिक एवं शोध उपलब्ध्यिों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने पाठ्यक्रमों में लचीलापन लाएगा तथा विश्वविद्यालय छ।।ब् में अपनी रैंकिंग । से ।़ करने के लिए सभी निर्धारित मानकों पर स्थिति में सुधार के लिए प्रयत्नशील रहेगा।
इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के संयोजक प्रोफेसर आरसी रमोला, ऑनलाइन के संयोजक प्रोफेसर वाईपी रेहमानी, मीडिया समिति के संयोजक प्रोफेसर एमएम सेमवाल, प्रो आरसी भट्ट, डा दीपक राणा, महेश डोभाल, नरेश खंडूरी, राजेन्दर प्रसाद, प्रो आरपीएस नेगी, प्रो इंदु खंडूरी, डॉ प्रीतम सिंह नेगी, डॉ नरेश राणा, ,डॉ नरेश कुमार, प्रो अरूण बहुगुणा श्वेता वर्मा, प्रदीप मल्ल, हीमशीखा गुसाई आदि उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर एनएस पंवार ने सभी अतिथियों एवं छात्रों का धन्यवाद ज्ञापन किया

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