संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य व्यवस्थापक और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित आवास में रहते थे। सोमवार की शाम सेवादार उनके कमरे में पहुंचा तो उसके होश उड़ गए। महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी पर लटक रहा था। पूरे मठ में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने मठ को सीज कर दिया था।
दुःखद: प्रयागराज अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत, शिष्य महंत आनंद गिरि हिरासत में
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प्रयागराज/लखनऊ 20 सितम्बर, प्रयागराज (इलाहाबाद) संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि का आज संदिग्ध हालत में फांसी से लटकता शव मिला।
पुलिस प्रथमदृष्टया इसे फांसी बता रही है लेकिन कुछ दिन पूर्व ही नरेंद्र गिरि ने अपने चर्चित शिष्य आनंद गिरि पर गम्भीर आरोप लगाते हुए अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था।
उसी दौरान स्वामी नरेंद्र गिरि ने आशंका जाहिर की थी कि उनकी जान को खतरा है। उनकी हत्या की जा सकती है। हालांकि बाद में आनंद गिरी ने माफी मांग ली थी। अपनी हत्या की आशंका जाहिर करने के कुछ ही माह बाद स्वामी नरेंद्र गिरि का शव आज सोमवार को संदिग्ध हालत में फांसी से लटकते हुए मिला है।
अनुयायियों का मानना है कि हाल की स्थिति को देखते हुए नरेंद्र गिरि की मौत सामान्य नहीं लगती। इस तरह संदिग्ध हालत में एक महंत का शव लटकते मिलना कई तरह की आशंकाएं पैदा करता है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। आइजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह भी मठ पहुंच गए हैं। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। पता चला है कि शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। मौके पर सुसाइड नोट मिला है जिसमें शिष्य आनंद गिरि से प्रताड़ित होने की बात का जिक्र है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह साफ होगी। सुसाइट नोट की हैंड राइटिंग की भी जांच होगी। उधर, हरिद्वार में महंत के विवादित शिष्य महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।